रामायण और महाभारत की कथाएं हमें जीवन जीने की सीख देती हैं - अंकितदास

रामायण और महाभारत की कथाएं हमें जीवन जीने की सीख देती हैं - अंकितदास

बस्ती - रामायण और महाभारत की कथाएं हमें जीवन जीने की सीख देती हैं। रामायण की मुख्य कहानी तो हम सब पढ़ते, सुनते और देखते हैं। रामायण के हर पात्र से कुछ न कुछ सीख मिलती है। इसमें वर्णित घटनाएं भी हमें जीवन जीने और रिश्ते निभाने की कला सिखाती हैं। रावण एक प्रवृत्ति है। उसके अंत के लिये श्रीराम की शरण लेना पड़ता है।  साधारण मनुष्य और परमात्मा में यही अन्तर है कि परमात्मा जिसे मारते हैं उसे तारते भी हैं। श्रीराम अति सहज है। निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। वे शरणागत की रक्षा करते हैं। रावण के अत्याचारों से त्रस्त होकर विभीषण जब श्रीराम के शरण में आये तो उन्होने विभीषण को गले लगा लिया । यह सद् विचार कथा व्यास अंकितदास ने श्रीराम जानकी मंदिर निपनिया चौराहा में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त  दसकोलवा में आयोजित 9 दिवसीय श्री शिव शक्ति महायज्ञ और श्रीराम कथा को विश्राम देते हुये  व्यक्त किया।
कथा व्यास ने स्थानीय श्रद्धालुओं का आवाहन किया कि ब्रम्हलीन बाबा महादेव दास की प्रतिमा स्थापित कराया जाय जिससे लोग प्रेरणा लें।
यज्ञाचार्य प्रभात शास्त्री, नीरज शास्त्री, आशुतोष दास ने मूर्तियोें की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ऋंगार, पूजन कराने के साथ ही भक्तों को दर्शन के महत्व की जानकारी दिया। यजमानोें के साथ दर्शन, पूजन और शिखर स्नान विधि विधान से सम्पन्न हुआ।
ब्रम्हलीन बाबा महादेव दास की स्मृति में आयोजित 9 दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान  में मुख्य रूप से प्रभात शास्त्री, आशुतोष दास, आदित्यदास, नीरज दास, ऋतिक दास, ओम नरायन, संगम शुक्ल, मुख्य यजमानगण दयाशंकर, राजकुमारी, नागेन्द्र मिश्र , राम सोहरत, शान्ती देवी, कौशल कुमार, कुसुम, सुनील पाण्डेय, मीरा देवी, सुल्ताना बाबा, सरोज मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त शामिल रहे। 

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सर्वेष श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के ब्यूरो प्रमुख

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