चुनाव में नोट बांटने को रोकने वाला उड़नदस्ता ही वसूली करते पकड़ाया

चुनाव में नोट बांटने को रोकने वाला उड़नदस्ता ही वसूली करते पकड़ाया

मुरादाबाद : लोकसभा चुनाव में वोटरों को रुपये बांटने से रोकने के लिए उड़नदस्ते का गठन किया गया है. मुरादाबाद में एक ऐसा ही उड़नदस्ता खुद रिश्वतखोरी में फंस गया. स्टेटिक मजिस्ट्रेट और उनकी टीम को चेकिंग के दौरान एक कार से 2 लाख रुपये मिले. इन रुपयों को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये वसूल लिए गए. पीड़ित अमरोहा के प्रॉपर्टी डीलर ने एसएसपी से इसकी शिकायत कर दी. इसके बाद जांच में टीम के पास से रिश्वत के रुपये भी बरामद हो गए. सदर कोतवाली में आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि देर रात पुलिस ने सभी को छोड़ दिया.

लोकसभा चुनाव में अवैध तरीके से धन का प्रयोग रोकने के लिए उड़नदस्तों को लगाया गया है. ये टीमें शहर के विभिन्न चौराहों पर आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग कर रहीं हैं. मुरादाबाद में भी एक ऐसा ही उड़नदस्ता तैनात है. इस टीम में नलकूप विभाग में कार्यरत स्टेटिक मजिस्ट्रेट, कैमरामैन और कांस्टेबल हैं.

अमरोहा के नन्हेड़ा हथियारपुर निवासी ट्रांसपोर्टर दीक्षित शर्मा ने आरोप लगाया कि वह रविवार की शाम 6.30 बजे अपने ड्राइवर योगेंद्र शर्मा के साथ कार से राज्यकर विभाग के कार्यालय जा रहे थे. इस दौरान स्टेटिक मजिस्ट्रेट समेत 3 लोग इंपीरियल तिराहे पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. उड़नदस्ते ने उनकी कार रुकवा ली. इसके बाद कार की तलाशी लेनी शुरू कर दी. इस दौरान डैशबोर्ड से 2 लाख रुपये बरामद हो गए.

ट्रांसपोर्टर के अनुसार रुपयों के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि वे इन्हें राज्य कर विभाग में लेकर जा रहे थे. इस पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट व उनकी टीम ने कहा कि इतना रुपये लेकर नहीं जा सकते हैं. इसके बाद तीनों ने 2 लाख रुपये में से 50 हजार रुपये निकाल लिए. इसके बाद बाकी के रुपये लेकर जाने को बोल दिया.

दीक्षित शर्मा ने इस बात की जानकारी एसएसपी हेमराज मीणा को दी. एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से एक टीम को मौके पर भेजा. स्टेटिक मजिस्ट्रेट और उनकी टीम के पास से 50 हजार रुपये बरामद कर लिए गए. एसएसपी के आदेश पर तीनों को सदर कोतवाली ले आया गया. यहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इसके रात में ही तीनों को छोड़ दिया गया. इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. सभी ने चुप्पी साध रखी है.

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