स्कूली वाहनों के फिटनेस पर फोकस, सोर्स प्वाइंट पर रोकेंग ओवरलोडिंग

सड़क हादसों में 50 फीसद कमी लाने को परिवहन विभाग ने कसी कमर

स्कूली वाहनों के फिटनेस पर फोकस, सोर्स प्वाइंट पर रोकेंग ओवरलोडिंग

  • विभाग की देखरेख में 22 अप्रैल से 4 मई तक चलेगा सड़क सुरक्षा पखवाड़ा
लखनऊ। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए योगी सरकार ने चुनावी महौल के बीच भी काफी गंभीर कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी ने परिवहन विभाग को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में परिवहन विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत सभी जनपदों में आगामी 22 अप्रैल से 4 मई तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मनाया जाएगा।
 
गौर हो कि ओवरस्पीडिंग, रांग साइड ड्राइविंग, मोबाइल फोन का प्रयोग और ड्रंकन ड्राइविंग सड़क दुघर्टनाओं के प्रमुख कारण होते हैं। यह एक मानव जनित आपदा है जिसे जागरुक करके ही कम किया जा सकता है। अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्पसेन सत्यार्थी ने तरूणमित्र को बताया कि सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत प्रदेश के सभी स्कूली वाहनों का फिटनेस तथा वाहन चालकों के मेडिकल फिटनेस की जांच करायी जायेगी।
 
सभी शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा में छात्रों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों की जानकारी दी जायेगी एवं सुड़क सुरक्षा शपथ ग्रहण कराया जायेगा। कॉमर्शियल चालकों को हेल्थ कार्ड अनिवार्य रूप से जारी किये जायेंगे। ओवरलोडिंग को टास्क फोर्स द्वारा सोर्स प्वाइंट ही रोका जायेगा।

तीन बार से अधिक चालान हुआ तो निरस्त करें डीएल...!
 
निर्देश दिया गया है कि सभी मण्डल एवं जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से होनी चाहिये। इसके लिये सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी दिन निर्धारित करें। समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं का एनालिसिस कर एक्शन लिया जाये। एक्शन का रिजल्ट धरातल पर भी दिखना चाहिये। किसी भी चालक का लगातार तीन बार से अधिक चालान होने पर उसका लाइसेंस निरस्त किया जाये।
 
इसके बावजूद भी उल्लंघन करने पर उसके वाहन का पंजीयन निरस्त कराया जाये। इसके अतिरिक्त जनपद में उपलब्ध क्रिटिकल केयर फैसिलिटी का भी समय-समय पर निरीक्षण करें, ताकि सड़क दुर्घटना से प्रभावित व्यक्तियों को जनपद में ही उपचार मिल सके। आपदा मित्रों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को बचाने की भी ट्रेनिंग दी गई है। सड़क दुर्घटना होने पर उन्हें भी सूचित करने की व्यवस्था की जाये।
Tags: lucknow

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