छोटी काशी से किसे मिलेगा जीत का आशीर्वाद

छोटी काशी से किसे मिलेगा जीत का आशीर्वाद

लखनऊ। लखीमपुर खीरी क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। लखीमपुर को पूर्व में लक्ष्मीपुर के नाम से जाना जाता था। प्रदेश का एकमात्र नेशनल पार्क दुधवा नेशनल पार्क इसी जिले में है। जिले की गोला तहसील में छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव की नगरी गोला गोकर्णनाथ है। जिसकी देशभर में बड़ी मान्यता है। उप्र की संसदीय सीट संख्या 28 खीरी में 13 मई को चौथे चरण में मतदान होगा।

खीरी लोकसभा सीट का इतिहास-
पहली बार 1957 में इस सीट से दो सांसद चुने जाते थे। इस चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (पीएसपी) के खुशवंत राय और कांग्रेस के रामेश्वर प्रसाद जीतकर संसद पहुंचे। 1962 में खीरी को एक ही लोकसभा सीट बनाया गया, तब से 1971 तक कांग्रेस नेता बालगोविंद वर्मा को इस सीट से जीते। 1977 में जनता पार्टी के सूरत बहादुर शाह यहां के सांसद बने। 1980, 84 और 89 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने यहां जीत दर्ज की। 1991 और 1996 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गेंदन लाल कनौजिया को संसद पहुंचने का अवसर मिला।

इसके बाद 1998, 99 और 2004 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने यहां जीत का झंडा गाड़ा। 2009 में कांग्रेस नेता जफर अली नकवी को जनता का प्यार मिला, जबकि 2014 और 2019 में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अजय मिश्र ‘टेनी’ विजयी रहे। इस सीट पर अब तक हुए 16 चुनाव में कांग्रेस 8 बार, सपा 3 बार और भाजपा 4 बार विजय हासिल कर चुकी है। कांग्रेस की ऊषा वर्मा को इस सीट से पहली महिला सांसद निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त है।

पिछले दो चुनावों का हाल-
2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय मिश्र ‘टेनी’ ने अपनी निकटतम प्रत्याशी सपा की डॉ. पूर्वी वर्मा को 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। तब भाजपा को 609,589 (53.62 प्रतिशत) और सपा को 390,782 (34.38 प्रतिशत) मत हासिल हुए थे। वहीं कांग्रेस के जफर अली नकवी को 92,155 (8.11 प्रतिशत) वोट मिले। बता दें, इस चुनाव में सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन था।2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय मिश्र ‘टेनी’ ने बसपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद गिरि को एक लाख दस हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था। भाजपा को 398,578 (36.98 प्रतिशत) और बसपा को 288,304 (26.75 प्रतिशत) मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में कांग्रेस के जफर अली नकवी तीसरे स्थान पर रहे।

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
इस सीट पर जीत की हैट्रिक के लिए भाजपा ने तीसरी बार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ को मैदान में उतारा है। गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में सपा के उत्कर्ष वर्मा मैदान में है। वहीं बसपा ने अंशय कालरा को टिकट दिया है।

खीरी सीट का जातीय समीकरण-
खीरी संसदीय सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 18.62 लाख है। जातीय समीकरणों की बात करें, तो इस सीट पर लगभग 27 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, जबकि दो प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी है। यदि ओबीसी मतदाताओं की बात करें, तो यहां लगभग 28 फीसद ओबीसी मतदाता निर्णायक साबित होते हैं। इस सीट पर लगभग 20 फीसद मुस्लिम मतदाता भी हैं, जबकि लगभग 18 प्रतिशत सवर्ण आबादी का अनुमान है। वहीं, लगभग ढाई फीसद सिख आबादी भी है।

विधानसभा सीटों का हाल-
संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से सिर्फ श्रीनगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। वहीं, पलिया, निंघासन, गोला गोकर्णनाथ और लखीमपुर विधानसभा सीटें सामान्य वर्ग की हैं। सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

जीत का गणित और चुनौतियां-
लखीमपुर खीरी सीट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ लगातार तीसरी बार जीत के लिए जनता के पास जिले में करवाए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए वोट मांग रहे हैं। सपा प्रत्याशी उत्कर्ष वर्मा कुर्मी और मुस्लिम समुदाय में अच्छी पकड़ रखते हैं। बसपा उम्मीदवार अंशय कालरा पंजाबी समाज से आते हैं। कालरा लोकसभा का पहला चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले कुछ समय से बसपा का कैडर वोट खिसक कर भाजपा में चला गया था। इस बार देखना होगा कि बसपा के प्रत्याशी अपने परंपरागत वोट को कितना अपने खाते में लाने में कामयाब होते हैं।
लखीमपुर के स्थानीय पत्रकार सरताज हुसैन के अनुसार, बीजेपी प्रत्याशी ने क्षेत्र में विकास कार्य करवाएं हैं, जिसका फायदा उन्हें मिलेगा। बसपा प्रत्याशी बाहरी हैं, उन्हें लोग पहचानते ही नहीं हैं। मुकाबला बीजपी और सपा के बीच होगा।

खीरी से कौन कब बना सांसद-
1957 खुशवंत राय/ रामेश्वर प्रसाद (पीएसपी/ कांग्रेस)
1962 बाल गोविंद (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
1967 बाल गोविंद (कांग्रेस)
1971 बाल गोविंद (कांग्रेस)
1977 एस.बी. शाह (भारतीय लोकदल)
1980 बाल गोविंद (कांग्रेस)
1984 ऊषा वर्मा (कांग्रेस)
1989 ऊषा वर्मा (कांग्रेस)
1991 गेंदन लाल कनौजिया (भाजपा)
1996 गेंदन लाल कनौजिया (भाजपा)
1998 रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
1999 रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
2004 रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
2009 जफर अली नकवी (कांग्रेस)
2014 अजय मिश्र ‘टेनी’ (भाजपा)
2019 अजय मिश्र ‘टेनी’(भाजपा)

 

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