भगवान परशुराम पराक्रम के कारक, सत्य के धारक और चिरंजीवी हैं : डॉली शर्मा

गाजियाबाद। ( तरूणमित्र )

भगवान परशुराम पराक्रम के कारक, सत्य के धारक और चिरंजीवी हैं : डॉली शर्मा

इंडिया गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा ने परशुराम जयंती पर ब्राह्मण समाज से अपील की है कि सभी ब्राह्मणों को भगवान परशुराम के ही पथ पर चलना चाहिए और सकल समाज को सही दिशा पर चलने के लिए अभिप्रेरित करना चाहिए। इंडिया गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा ने सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज के लोगों को भगवान परशुराम जयंती (अक्षय तृतीया, 10 मई, शुक्रवार) की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम, भगवान भोलेनाथ के परम भक्त हैं। वह पराक्रम के कारक, सत्य के धारक और चिरंजीवी हैं। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही उनकी शक्ति अक्षय है। वह भगवान विष्णु और भगवान शिव के संयुक्त अवतार हैं। भगवान शिव ने उन्हें फरसा दिया, इसलिए वो परशुराम कहलाए। उन्होंने आगे कहा कि भगवान परशुराम ने समाज व राष्ट्र हित में शस्त्र और शास्त्र दोनों के विवेकसम्मत उपयोग को सही ठहराया। इसलिए भगवान शिव ने उन्हें पृथ्वी को अधर्मी लोगों से मुक्त करने का जिम्मा दिया, जिसका उन्होंने ततपरता पूर्वक पालन किया। मेरा दृढ़ विश्वास है कि अपने सूक्ष्म/विराट स्वरूप में वो अब भी ऐसा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, अन्यथा आसुरी शक्तियां हमपर हावी हो जाएंगी। उन्होंने ब्राह्मण समाज के लोगों से निवेदन पूर्वक अपील की है कि सभी ब्राह्मणों को उनके ही पथ पर चलना चाहिए और सकल समाज को सही दिशा पर चलने के लिए अभिप्रेरित करना चाहिए। भगवान परशुराम जयंती (अक्षय तृतीया) का यही संदेश है। इस पुनीत अवसर पर ब्राह्मण समाज के सभी भाइयों-बहनों, माता-पिता तुल्य लोगों, बन्धु-बांधवों को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं। अंत में उन्होंने लिखा है कि आप सभी लोगों ने लोकसभा चुनाव 2024 में तन-मन-धन से मेरी मदद की, इसके लिए मैं विशेष रूप से आप सबकी आभारी हूँ। मेरी सोच है कि ब्राह्मण समाज के सभी लोग समाज हित में सतत सक्रिय रहें, दुःखित और पीड़ित मानवता की सेवा के लिए ततपर रहें और जब भी मेरी जरूरत पड़े तो मुझे अवश्य याद करें। मैं हमेशा आपके बीच खड़ी रहूँगी। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज, भारतीय समाज का इंजन समझा जाता है। इसलिए हमारी नीतियां और हमारे आचरण सर्वहितकारी होने चाहिए, ताकि सभी लोग पूर्व की तरह ही हमारा सम्मान करना जारी रखें, कोई किंतु-परन्तु उनके दिलोदिमाग में नहीं आए। जय परशुराम, जय ब्राह्मण समाज।

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