व्यंग्य: राजाजी के तीन बंदर

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, 
प्रसिद्ध नवयुवा व्यंग्यकार

कई दिनों से राजाजी की जेब में तीन बंदरों वाला खिलौना रखा हुआ था। मंत्री आते और उस खिलौने को देखते। एक दिन एक मंत्री ने उनसे पूछा, ‘राजाजी, आप यह तीन बंदरों वाला खिलौना लिये क्यों घूमते हैं? जरूर इसके पीछे कोई गहरा राज है, क्योंकि आप ऐसे-वैसे खिलौने रखने वालों में से नहीं हैं।’ मंत्री की बात सुनकर राजाजी मुस्कुराए और बोले, ‘मंत्री, तुम्हारा अनुमान बिल्कुल ठीक है। ये तीनों बंदर मेरे पूर्ववर्ती राजाओं ने जिन्होंने सत्तर साल शासन किया था, उन्होंने दिया है। मैंने इस खिलौने को ध्यान से देखा तो मुझे इसमें गूढ़ रहस्य छिपा नजर आया। यदि इस रहस्य को कोई समझ जाए तो वह दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन जाएगा। दुर्भाग्य से मेरे पूर्ववर्ती राजाओं ने इसका उपयोग ठीक से नहीं किया। मैं इनकी शक्तियों को भलीभांति जानता हूँ। मैं जानता हूँ कि इनका उपयोग कब, कहाँ और कैसे करना है।’

यह सुनकर मंत्री बोला, ‘राजाजी, फिर तो मुझे भी वह रहस्य बताइए न! वैसे हमारे रहते इनकी भला क्या जरूरत थी’ राजाजी बोले, ‘तुम लोगों ने ही मेरा बेड़ा गर्क रखा है। मैं जब भी कोई निर्णय जैसे प्रजा की जेबें ढीली करने वाले फैसले लेता हूँ तुम लोग उसका समर्थन करने में टांय-टांय फिस्स कर जाते हो। मैं दिन को रात कहूँ तो तुम लोगों को रात कहना नहीं आता। आएगा भी कैसे जनता के बीच तुम लोगों की छवि मेरा मजाक उड़ाने के लिए काफी है। तुम लोगों से मेरा दिया एक काम भी नहीं होता। केवल सुविधाएँ भोगने के लिए मेरे सीने पर लोट रहे हो। तुम सब गोबर के गोबर हो। ऐसे गोबर जिससे उपली भी नहीं बना सकते। काश ऐसा होता तो तुम लोगों को जलाकर कम से कम दुश्मनों को मच्छरों की तरह मार देता। इसीलिए इन बंदरों को जेब में लिये घूमता हूँ। ध्यान से देखो पहले बंदर ने अपना मुख बंद कर रखा है। यह सिर्फ चिकौटी देता है। यह चिकौटी इतनी खतरनाक होती है कि दुश्मनों के छक्के छूट जाते हैं। इसीलिए इनका नाम सीबीआई है - चिकौटी बपौती इनकी।

 दूसरा बंदर, जो आंखें बंद किए है, उसका नाम ईडी है। ईडी का मतलब है - इतना डराओ। यह कहता है कि अपनी आंखों से इतना डराओ कि दुश्मन राजाजी की बुराई के बारे में देखना तो दूर सोचने के बारे में भी थरथर काँपें। तीसरा बंदर, जो कान बंद किए है, उसका नाम है – आईटी। आईटी का मतलब है – इतना टॉर्चर। यह दुश्मनों को सिखाता है कि राजाजी के बारे में थोड़ा भी बुरा सोचोगे तुम्हें इतना टॉर्चर करेंगे कि उन्हें उनके जन्म लेने पर पछतावा होगा। इसीलिए इन तीन बंदरों वाले खिलौनों को हमेशा साथ रखता हूँ। जानता हूँ कि शासकों का काम राज करना होता है। इसलिए राज करने की गारंटी को सुनिश्चित करने के लिए इन तीन बंदरों का इस्तेमाल करते रहना चाहिए।’

राजाजी के बंदर के खिलौने का रहस्य जानकर मंत्री दंग रह गया। वह बोला, ‘वाकई राजाजी, इस बंदर के खिलौने में तो बड़ी गूढ़ बातें छिपी हैं।’ उसकी बात सुनकर राजाजी मुस्कुराकर बोले, ‘इस खिलौने का न केवल बाहरी रूप भयावह है, बल्कि भीतरी रूप भी क्रूर है। इसलिए इस खिलौने को मैं तो अपना रिमोट मानता हूं।’ मंत्री बोला, ‘मैं तो इस खिलौने को देखकर डर गया। काश मैं भी इन बंदरों जितना शक्तिशाली हो पाता। चलिए कोई बात नहीं। राजाजी का साथ है तो सब कुछ मुमकिन है। तब तक मेरे अच्छे दिनों में कोई अपने बुरे दिन नहीं डाल सकता।