
भोजन करने के उपरांत भी वास्तु का ध्यान रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार भोजन का स्वाद और स्वास्थ्य बढ़ाते हैं। वास्तु-शास्त्र के अनुसार भोजन-कक्ष भवन के पश्चिमी दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए। यदि यह संभव नहीं है तो उत्तरी या पूर्वी दिशा भवन में भोजन-कक्ष स्थापित करने के लिए दूसरा सबसे अच्छा विकल्प है।
पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस उपाय से हमारे शरीर को भोजन से मिलने वाली ऊर्जा पूर्ण रूप से प्राप्त होती है। सारा परिवार मिलकर भोजन करे तो स्वाद और स्वास्थ्य दोनों बढ़ जाते हैं।
भोजन के पूर्व दोनों हाथ दोनों पैर और मुख को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन ग्रहण करना अशुभ माना गया है। पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से रोगों की वृद्धि होती है।
इसके अलावा भीगे हुए पैरों के साथ भोजन ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है। भीगे हुए पैर शरीर के तापमान को नियंत्रित करते हैं इससे पाचनतंत्र ठीक रहता है और भोजन आसानी से पचता है।