
कोलकता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सीएम ममता बनर्जी के परिवार में बगावत की आहट सुनाई देने लगी है। टीएमसी प्रमुख के भाई कार्तिक बनर्जी लगातार मीडिया में वंशवाद की राजनीति खत्म होने का जोर देते रहे हैं। उन्होंने राजनीति में आने के भी संकेत दिए हैं। कार्तिक बनर्जी ने बुधवार को एक रिपोर्टर से कहा- जिसमें काबिलियत है उसे ही राजनीति में आना चाहिए।
मैं ममता बनर्जी का भाई हूं। जो अच्छा है उसे ही चुनना चाहिए। पूछने पर क्या भाजपा में शामिल होंगे? उन्होंने कहा- सरकार आएगी और जाएगी। भाजपा आएगी और कोई आएगा। हमें ऋषि मुनि ने जो बोला नेताजी, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर या जो आदर्श हैं, हमें उनके पथ का स्मरण करना होगा।
एबीपी के मुताबिक कार्तिक बनर्जी ने कहा कि राज्य में बाहरी बनाम बंगाल का कोई मुद्दा नहीं है। फिर पूछने पर कि क्या वो भाजपा में शामिल होंगे? उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता हूं। बता दें कि हाल में गृहमंत्री अमित शाह के बगांल दौरे पर टीएमसी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं अधिकारी ममता सरकार में मंत्री थे और टीएमसी से इस्तीफा देकर भगवा दल में शामिल हुए थे। इसी तरह बर्द्धमान पूर्व लोकसभा सीट से दो बार के सांसद और टीएमसी नेता सुनील मंडल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।
शाह की रैली में टीएमसी एमएलए बनश्री मैती, शीलभद्र दत्ता, बिस्वजीत कुंडू, शुक्र मुंडा और सैकत पांजा भी भाजपा में शामिल हो गए। इधर राज्य में भाजपा की लगातार बढ़ती ताकत से टीएमसी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बताया जाता है कि इसी के चलते पार्टी ने बुधवार को वाम मोर्चे और कांग्रेस से भाजपा की ‘सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी’ राजनीति के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की। राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। मामले में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने पत्रकारों से कहा, अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस वास्तव में भाजपा के खिलाफ हैं तो उन्हें भगवा दल की सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ही भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा हैं। रॉय ने दावा कि केन्द्र में भाजपा नीत सरकार द्वारा शुरू की गई एक भी योजना सफल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस विकास के हितों में रचनात्मक आलोचना में विश्वास रखती है।