कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच अब मुख्यालय में होगी

औरंगाबाद। रियल टाइम पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच जल्द ही अपने जिले में ही होने लगेगी। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के रेडक्रॉस भवन में आरटी-पीसीआर लैब का सेटअप होगा। राज्य स्तर से जिले में लैब स्थापित करने को लेकर अनुमति प्रदान कर दी गई है। बीएमआइसीएल द्वारा लैब के आधारभूत संरचना का अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ. कुमार मनोज ने बताया कि 20 अप्रैल से इस लैब में कोरोना की जांच शुरू हो जाएगी। जिले में आरटी-पीसीआर लैब स्थापित होने से कोरोना जांच की गति में तेजी आएगी। इसके बाद जिले में प्रत्येक दिन तकरीबन इससे एक हजार से अधिक लोगों की जांच की जा सकेगी। यह लैब बायो सेफ्टी लेवल टू की होगी। यानी यहां सुरक्षित ढंग से नमूनों की सटीक जांच हो सकेगी। अब गया नहीं भेजना पड़ेगा सैंपल
कोरोना से जंग जीतने के लिए सरकार द्वारा अब जिला स्तर पर ही कोरोना की अंतिम जांच की व्यवस्था की जा रही है। जिले में आरटी-पीसीआर जांच के लिए तीन मशीन उपलब्ध हो गयी है। आरटी-पीसीआर मशीन लगने के बाद अब किसी भी प्रकार का सैंपल गया नहीं भेजा जाएगा। वर्तमान में एंटीजन और ट्रूनेट जांच ही जिले में हो रही है। इसके अलावा आरटी-पीसीआर जांच के लिए सैंपल गया भेजे जा रहे हैं। दो लैब टेक्नीशियन किए गए नियुक्त
आरटी-पीसीआर से कोरोना जांच के लिए दो लैब टेक्नीशियन को नियुक्त किया गया है। मो. यूसुफ जमील व आशुतोष रंजन दिल्ली से ट्रेनिग करके लौटें हैं। डीपीएम ने बताया कि इस जांच में मिक्रोबियोलॉजिस्ट की आवश्यकता होती है। जिसे संविदा पर बहाल किया जा रहा है। सदर अस्पताल में आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना को लेकर प्रक्रिया चल रही है। इस लैब के लगने के यहां जिले में जांच की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। रिपोर्ट मिलने में होगी सहूलियत
आरटी-पीसीआर मशीन लग जाने के बाद अब जांच रिपोर्ट के लिए लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में गया से तीन से चार दिन का समय लग जाता है। यह मशीन आ जाने के बाद छह से सात घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। डीपीएम ने बताया कि आरटीपीसीआर जांच कोरोना की अंतिम जांच होती है। इसमें आने वाली रिपोर्ट को ही सबसे बेहतर माना जाता है। एंटीजन की निगेटिव रिपोर्ट का होता क्रॉस
एंटीजन किट से जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लक्षण वाले मरीजों के कन्फर्मेशन के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराई जाती है। अब जिले में ही इसकी सुविधा हो जाएगी। वर्तमान में ट्रूनेट और एंटीजन किट से जांच कराने के बाद लोग बाहर घुमते रहते हैं। अगर तीन से चार दिन बाद आरटी-पीसीआर का जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो आइसोलेट होते हैं। इसकारण कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।