
रुड़की (देशराज पाल)। विश्व पर्यावरण दिवस के अन्तर्गत पुनीत सागर अभियान योजना में 30 मई से 5 जून तक विभिन्न एनसीसी गतिविधियों का आयोजन एनसीसी कैडेटों द्वारा किया जाना है। इस हेतु एनसीसी मुख्यालय रुड़की के निर्देश पर आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर, रुड़की, 84 उत्तराखण्ड बटालियन के एनसीसी कैडेटों द्वारा प्लास्टिक से प्रदूषण, प्लास्टिक के दुष्प्रभाव एवं पर्यावरण रक्षा पर निबंध प्रतियोगिता एवं गोष्ठी का आयोजन आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर में किया गया। सभी एनसीसी कैडेटों द्वारा मिशन लाईफ के अन्तर्गत पर्यावरण रक्षा की शपथ ली गई। कार्यक्रम में 50 से अधिक एनसीसी कैडेटों ने प्रतिभाग किया।
प्रदूषण विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता एवं गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुये 84 उत्तराखण्ड बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल रामाकृष्णन रमेश ने कहा कि भारत एक पवित्र देश है। देश विदेश से लाखों सेलानी भारत की सांस्कृतिक विरासत, संस्कृति व संस्कारों को जानने के लिए भारत देश का भ्रमण करते है। इसलिए हम सब भारतवासियों का कर्तव्य है कि अपने देश को स्वच्छ, सुन्दर एवं प्रदूषण रहित बनाने में अपना विशेष सहयोग दें। जिसका प्रारम्भ हमें अपने घर, गली, मोहल्ले, गाँव, शहर, विद्यालय, मन्दिर आदि सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई करके एवं प्रदूषण के प्रति क्षेत्रवासियों एवं समाज को जागरुक करके करना चाहिए। भारत के होनहार युवा रैली, गोष्ठी, वाद-विवाद आदि के माध्यम से भी जनजागरण कर प्रदूषण रहित वातावरण के लिए देशवासियों को प्रेरित करें।आयोजित गोष्ठी में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अमरदीप सिंह द्वारा प्रदूषण विषय को देश भक्ति, देश सेवा एवं राष्ट्र की प्रसिद्धि से जोड़ते हुए एन.सी.सी. कैडेटों को प्रदूषण के प्रकार, प्रदूषण के कारण एवं प्रदूषण निवारण के विषय में जानकारी दी गयी साथ ही सभी कैडेटों को प्लास्टिक से होने वाले दूष्परिणामों, बीमारियों और प्रदूषण की रोकथाम के विषय में जानकारी देते हुए प्रदूषण को समाप्त करने हेतु एन.सी.सी. कैडेटों के माध्यम एवं सहयोग से क्या कार्य किये जा सकते हैं। इस विषय पर प्रकाश डाला गया।निबंध प्रतियोगिता में कैडेट मयंक सिंह, विख्यात चौधरी, खुशी, रिषभ कुमार, अहाना, अर्शिया, वर्णिका, लक्ष्मी, छवि, गुनगुन त्यागी प्रमुख रहे। इस अवसर पर 84 बटालियन के कार्यालय अधीक्षक रवि कपूर, कैप्टन विशाल शर्मा, एनसीसी अधिकारी नीरज नौटियाल उपस्थित रहे।