
नई दिल्ली: डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन पर विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह (SAGE) की बैठक के बाद यह सिफारिश की। बैठक में कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को प्राथमिकता देने वाले रोडमैप को संशोधित किया।
इन लोगों के वैक्सीनेशन पर दिया गया जोर
एक बयान में एसएजीई की बैठक में शामिल डॉ हन्ना नोहिनेक ने कहा कि यह दर्शाने के लिए रोडमैप को संशोधित किया गया कि अधिकांश आबादी या तो वैक्सीनेटेड है या फिर कोरोना की चपेट में आ चुकी है या दोनों ही परिस्थितियों का सामना कर चुकी है। ऐसे में संशोधित रोडमैप उन लोगों के वैक्सीनेशन के महत्व पर जोर देता है जिन पर अभी भी गंभीर बीमारी का खतरा है। जिनमें ज्यादातर बुजुर्ग या फिर कमजोर समूह के लोग शामिल हैं।
बता दें कि एसएजीई ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए तीन प्राथमिकता समूहों को रेखांकित किया गया। जिसमें उच्च जोखिम , मध्यम जोखिम और निम्न जोखिम वाली प्राथमिकताएं शामिल हैं। जिसमें मुख्य रूप से गंभीर बीमारी और मृत्यु के जोखिम को देखते हुए बूस्टर डोज की सिफारिश की गई।
उच्च जोखिम वाले समूह में वृद्ध वयस्क हैं। इनमें मधुमेह, हृदय रोग, इम्यूनो कॉम्प्रोमाइजिंग जैसी स्थिति वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा गर्मवती महिलाएं और फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता इत्यादि के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश की गई। SAGE उच्च जोखिम वाले समूह के लिए अंतिम खुराक के 6 या 12 महीने बाद एक अतिरिक्त बूस्टर खुराक की सिफारिश करता है। जिसका समय सीमा उम्र और इम्यूनोकम्प्रोमाइजिंग स्थितियों जैसे कारकों पर निर्भर करेगा।
कोरोना के 2,994 नए मामले दर्ज
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में शनिवार कोरोना के 2,994 नए मामले दर्ज किए गए। ऐसे में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 16,354 हो गई।