
गौतम बुद्ध नगर: ग्रेटर नोएडा से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां बेटे का इंतजार करते-करते 70 साल की डॉक्टर मां की मौत हो गई। 4 महीने से बेटा न ही अपनी मां से मिलने आया था और न ही उसने फोन किया था।वहीं पिछले कुछ दिनों से बेटा लगातार फोन कर रहा था, लेकिन फोन स्विच ऑफ जाता रहा। इसके बाद बेटा अपनी पत्नी के साथ सोमवार को घर पहुंचा, तो उसको मां की लाश बिस्तर के नीचे पड़ी हुई मिली। मां का शव पूरी तरह से खराब हो चुका था। उनकी बॉडी गल गई थी। उसमें कीड़े लग गए थे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मां की ऐसी हालत देखकर बेटा बेसुध हो गया। वह तेज-तेज चिल्लाने लगा। रोते हुए बेटा बोलता है, ''तुम्हें कोई दिक्कत थी, तो फोन क्यों नहीं किया। काम की वजह से मैं तुमसे मिलने नहीं आ पाया।
क्या पता था जब मिलने आऊंगा, तो तुम इस हालत में मिलोगी। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। बताया जा रहा है कि मां की मौत लगभग 20 दिन पहले हो चुकी थी।
पुलिस के अनुसार, बुजुर्ग महिला ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना इलाके के बीटा-1 सेक्टर के एक मकान में अकेले रहती थीं। महिला का नाम अमिया सिन्हा (70) है। वो रिटायर्ड डॉक्टर थीं और वो 15 सालों से यहां अकेली रह रही थीं। पति से तलाक के बाद वो यहां रहने आ गई थीं। बेटा प्रणव रंजन सिन्हा कभी-कभी उनसे मिलने आता था।
अमिया का बेटा नोएडा के पास गाजियाबाद में अपने परिवार के साथ रहता है। मां रिटायर्ड डॉक्टर थीं इसलिए पैसे की कोई समस्या नहीं थी। वो अपना जीवन यापन खुद करती थीं। इधर बेटा काफी समय से अपनी मां के पास नहीं आ पाया था।
पुलिस के अनुसार बेटे प्रणव रंजन सिन्हा ने बताया, ''पिछले 4 महीने से मां से मेरी बात नहीं हुई थी। इधर कुछ दिनों से मैं उसका फोन ट्राई कर रहा था, लेकिन वह फोन नहीं उठा रही थीं। जिसके बाद मैं मौका निकालकर मां को देखने पत्नी के साथ उनके घर पहुंचा। मैं बार-बार दरवाजा खटखटाता रहा, लेकिन मां दरवाजा खोलने नहीं आई।''
पुलिस के अनुसार बेटे ने बताया, ऐसा पहली बार था कि मेरे आने पर मां ने दरवाजा न खोला हो। काफी देर हो जाने के बाद मैंने पड़ोस के लोगों को बुलाया। उनकी मदद से दरवाजा तोड़ा और घर के अंदर गया। घर के अंदर से बहुत बदबू आ रही थी। हम लोगों का मन खराब होने लगा। मैं जल्दी से मां के कमरे में गया, तो देखा वह जमीन पर पड़ी हुई हैं।
बेटे ने बताया, ''उसके पास पानी का गिलास पड़ा हुआ था। बिस्तर भी उलझा हुआ था। मां की बॉडी पूरी काली हो चुकी थी। उसके सिर पर हल्का चोट का निशान दिख रहा था। मां की ऐसी हालत देखकर मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था। मुझे इस बात पर बहुत अफसोस हो रहा था कि मैं क्यों अपनी मां से मिलने नहीं आया? क्यों मैंने उनको ऐसे अकेला छोड़ दिया?''
इस घटना के बाद बुजुर्ग अमिया का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वो बुजुर्गों के लिए एक शेल्टर होम खोलने की बात कर रही हैं। वह कह रही हैं एक ऐसा घर होना चाहिए, जहां सारे बुजुर्ग रहें। उनका जो मन हो, वो करें। वहां पर कोई रोक-टोक न हो। जिसको बात करनी हो वो बात करे, जिसको खाना बनाना हो वो खाना बनाए। हालांकि उनका ये वीडियो दिसंबर का बताया जा रहा है।
इस घटना के बाद से कॉलोनी के लोग भी काफी दुखी हैं। सेक्टर बीटा-1 के आरडब्लूए महासचिव मनोज नागर ने बताया कि अमिया आंटी बहुत ही जागरूक थीं। वो सेक्टर के विकास को लेकर आए दिन बातचीत करती थीं। उनसे मेरी मुलाकात कई महीने पहले हुई थी। वो अपने बारे में कभी किसी को कुछ नहीं बताती थीं। न ही किसी का उनके घर ज्यादा आना जाना था।
वो अकेले ही रहा करती थीं। साथ में एक झोला लेकर घूमा करती थीं। उनसे मैं बातचीत भी करता था। एक दिन उन्होंने शिकायत की थी कि उनके घर की बिजली कट गई है। बाद में मुझे पता चला कि काफी दिनों से उनका बिजली का कनेक्शन कटा हुआ था। वो घर के लिए अक्सर मोमबत्ती लेकर जाया करती थीं। हलांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि बिजली क्यों कटी है।
वहीं सेक्टर बीटा-1 के रहने वाले हरेंद्र भाटी ने बताया कि अमिया आंटी बहुत ही मिलनसार थीं। लेकिन कई दिनों से मेरी मुलाकात उनसे नहीं हो पाई थी। वो अक्सर दिल्ली जाया करती थीं। लेकिन हमने कभी किसी अन्य परिवार वाले को उनके यहां आते हुए नहीं देखा था। न ही कभी कोई उनके साथ उनके घर पर रुकता था।
घटना के बारे में ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि Beta-2 थाना क्षेत्र के एक मकान में 1 बुजुर्ग महिला की डेड बॉडी मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया। साथ ही पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। पुलिस ने बिसरा रिपोर्ट को सुरक्षित रख लिया है। उन्होंने बताया कि मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। अशोक कुमार ने बताया कि अमिया कुमारी सिन्हा बिहार के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर थीं।