
नई दिल्ली: अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दे दी गई है. जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में 2 हजार टन के गोदाम बनाए जाएंगे. इस व्यवस्था को लागू करने के लिए त्रिस्तरीय प्रबंध किए जाएंगे. इस योजना का मकसद अन्न की बर्बादी को रोकना है. बता दें कि फिलहाल देश में अन्न भंडारण की कुल क्षमता 47 प्रतिशत है. लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना से अन्न भंडारण में तेजी आएगी. कैबिनेट की बैठक समाप्त हो जाने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में कमेटी बनाई जाएगी. योजना की शुरुआत 700 टन अन्न भंडारण के साथ होगी. इस योजना के शुरू होने पर देश में खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. इस योजना के शुरू होने से अन्न भंडारण क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी. अभी देश में अनाज भंडारण की क्षमता 1450 लाख टन है. जो बढ़कर 2150 लाख टन हो जाएगी.
प्रत्येक ब्लॉक में बनेंगे गोदाम
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 5 वर्ष का समय लगेगा. इसके लिए केंद्र सरकार पांच साल में 1 लाख करोड़ रुपये का खर्चा करेगी. योजना के तहत देश के प्रत्येक ब्लॉक में गोदाम बनाए जाएंगे. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार यह योजना सहकारिता क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा अन्न भंडारण कार्यक्रम है. इस योजना से देश में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. इसके अलावा फसल की बर्बादी भी रुकेगी.
खाद्य सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
केंद्र सरकार के मुताबिक सहकारिता क्षेत्र में गोदाम की कमी की वजह से अन्न की बर्बादी अधिक हो रही है. यदि ब्लॉक लेवल पर गोदाम बनेंगे तो अन्न का भंडारण तो होगा ही, साथ ही ट्रांसपोर्टिंग पर होने वाले खर्च भी कम होगा. योजना के तहत खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. अभी देश में प्रत्येक वर्ष 3100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है. मगर सरकार के पास महज उपज के 47 प्रतिशत हिस्से को भंडारण करने की व्यवस्था ही है. जो इस योजना के आने के बाद सुधर जाएगी