
0.5 फीसदी के वृद्धि (growth) के बाद अब रेपो रेट बढ़कर 5.4 फीसदी हो गई है।
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की तीन दिवसीय बैठक 3 अगस्त को शुरू हुई थी, जिसके निर्णय की घोषणा शुक्रवार को हुई। एमपीसी ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट को 0.5 फीसदी से बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ अब रेपो रेट बढ़कर 5.4 फीसदी हो गई है। इस वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट में की गई ये तीसरी वृद्धि है। इससे पहले रिजर्व बैंक मई में 0.4 और जून में 0.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है।
आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने एकमत से रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया और इसके साथ ही महंगाई को ध्यान में रखते हुए एकोमोडेटिव स्टांस वापस लेने का फैसला किया है। स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) को 5.15 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) को 5.65 फीसदी पर रखा गया है।
जीडीपी विकास दर को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा
आरबीआई गवर्नर दास ने जीडीपी विकास दर के अनुमान में कोई भी बदलाव नहीं किया है और चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई के अनुमान के मुताबिक, पहली तिमाही में 16.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 4 फीसदी विकास दर रह सकती है।
महंगाई जारी रहेगी
आरबीआई गवर्नर दास ने खुदरा महंगाई पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह अभी आरबीआई की ओर से तय की गई सीमा 6 फीसदी से अधिक रहेगी। चालू वित्त वर्ष में महंगाई 6.7 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी महंगाई रह सकती है। हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 में लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है और इसके 5 फीसदी पर रहने का अनुमान है
क्या होगा प्रभाव आप पर
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर कमर्शियल बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं। ऐसे में रेपो रेट में इजाफा होने का सीधा प्रभाव आपकी जेब पर पड़ता है। इससे बैंक आने वाले समय में आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन आदि की ब्याज दर में इजाफा कर सकते हैं।