कभी अडानी भी किडनैप हुए थे यूपी बिहार के माफियाओं के हाथ ! वीडियो

क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं कि तकरीबन डेढ़ दशक से, खास तौर पर केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से देश ही नहीं दुनिया भर में अपने रसूख ताकत और अमीरों की लिस्ट में पहले पायदान को छूने से चुके गौतम अडानी को कभी यूपी और बिहार के माफियाओं ने अपहरण कर तगड़ी फिरौती वसूल कर ली थी। जी हा ये भी उतना ही सच है जितना यह कि गौतम अडानी अब अमीरों की सूची में सरकतें सरकते सतरहवे पायदान तक पहुंच चुके हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी के सबसे चहेते और करीबी माने और जाने जाने वाले गौतम अडानी जिनके अपार साम्राज्य, रसूख और भौकाल के सामने अच्छे-अच्छे पानी भरते हैं जिनकी हनक इतनी है कि उनके खिलाफ मीडिया से लेकर सिस्टम भी कुछ बोलने से पहले सौ बार सोचता है वही गौतम अडानी जिन पर जब हिंडन वर्ग फ्राड और वित्तीय अनियमितताओं वाली रिपोर्ट जारी की तो राष्ट्रवाद के छाते तले खड़े होकर अडानी ने हिंडन बर्ग पर जबरदस्त हमला किया जी हा वहीं अडानी 90 के दशक के साल 1998 में गुजरात के अहमदाबाद से किडनैप हो गए थे।
जिनकी किडनैपिंग का पूरा ताना-बाना यूपी के कुख्यात माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ़ बबलू श्रीवास्तव तथा बिहार के माफिया इरफान गोगा व फजलुर्रहमान ने बनाई थी। अलग-अलग कहानियों के मुताबिक उनसे तकरीबन पंद्रह करोड़ रूपये की रकम वसूल की गई थी। जिसका जिक्र पूर्व वरिष्ठ आईपीएस और तब एसटीएफ के विभिन्न ऑपरेशन में वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर रहे राजेश पांडे ने अपने किस्सागोई के एपिसोड में भी किया था।
बकौल राजेश पांडे से तब गुजरात पुलिस के अधिकारियों ने बताया था कि अडानी इस किडनैपिंग से इतने डर गए थे कि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर ना ही पुलिस से कॉर्पोरेट किया और ना ही दो अदालती सम्मनो के बाद भी कभी अदालत में अपना चेहरा दिखाया ना ही बयान दर्ज कराने की जहमत ही उठाई। लिहाजा इस मामले के सभी आरोपी बरी कर दिए गए।
ये उन्हीं गौतम अडानी की बीते जिंदगी की कहानी है जिन पर 24 जनवरी से देश और दुनिया भर की मीडिया से लेकर सड़क किनारे खड़े होकर कटिंग चाय पीने वाले आम आदमी की निगाहेँ हैं। जिसमें उनका जिक्र और एलआईसी या अन्य बैंकों के डूबने की फिक्र समाई रहती है।