पंचायत चुनाव की सरगर्मी में उड़ी कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां!

-जिले में धारा 144 भी लागू है पर इसका प्रभाव नहीं दिख रहा
-नामांकन स्थलों पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारी भी इसे लेकर दिखाई दिए बेपरवाह
अजय सिंह चौहान
लखनऊ,07 अप्रैल(तरुणमित्र)। इस बार यूपी का पंचायत चुनाव की प्रक्रिया कोरोना वायरस संक्रमण के बीच चल रही है। शासन, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लाख समझाने के बाद भी लोग इससे अनजान ही बने हैं। कोविड-19 गाइडलाइन का खुला उल्लंघन बुधवार को राजधानी के आठों विकासखण्डों में नजर भी आया। पंचायत चुनाव के नामांकन के पहले दिन ही सभी जगहों पर कोरोना गाइडलाइन छिन्न-भिन्न होती नजर आई। कोरोना के खतरे से अनजान लोगों ने जमकर लापरवाही की।बता दें कि राजधानी में लगातार बढ़ते कोरोना के ग्राफ को देखने के बाद भी लोग संक्रमण के प्रति सचेत नहीं हो रहे हैं।पंचायत चुनाव में प्रधानी, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य के पदों पर बुधवार को बीकेटी, चिनहट, माल, मलिहाबाद, सरोजनीनगर,गोसाईगंज, मोहनलालगंज, काकोरी विकासखण्ड मुख्यालयों पर नामांकन पत्र दाखिल करने आये उम्मीदवारों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो छोड़िये लोग मास्क भी नहीं पहन रहे हैं। जबकि राजधानी में नए कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है, लेकिन फिर भी कोविड प्रोटोकॉल के नियम में उम्मीदवारों द्वारा की जा रही इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। लखनऊ में कोरोना संक्रमण एक बार तेजी से फिर बढ़ने लगा है। संक्रमितों की संख्या इकाई के अंक तक पहुंच गई थी, वही अब दहाई से आगे बढ़कर हजार के ऊपर तक पहुंच चुकी है। लखनऊ में 31मार्च को 361 संक्रमित मिले।वहीं 01 अप्रैल को यह आंकड़ा 935 पार कर गया। वहीं 06 अप्रैल को यह आंकड़ा 1188 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।पहले कोविड संक्रमण से मरने वालों की संख्या जहां चार होती थी, अब यह संख्या दो दिन से 07 तक पहुंच चुकी है।
नामांकन के दौरान दिशानिर्देशों का नहीं हुआ पालन
कोरोना संक्रमण के बीच पंचायत चुनाव की भी सरगर्मी चरम पर है।बुधवार को नामांकन के पहले ही दिन अधिकांश उम्मीदवारों ने कोविड 19 से बचाव संबंधी दिशा निर्देश का पालन नहीं किया। प्रशासनिक अधिकारी भी इसे लेकर बेपरवाह दिखाई दिये। यह हाल राजधानी के कैसरबाग स्थित जिला पंचायत कार्यालय, चिनहट, मोहनलालगंज,गोसाईगंज,बीकेटी,मलिहाबाद, माल, सरोजनीनगर,काकोरी सहित सभी जगहों पर रहा। आपस में बातचीत से लेकर ब्लाक मुख्यालय में लाइन लगाने तक और नामांकन के दौरान अन्य प्रक्रिया पूरी करने में भी कोविड-19 गाइडलाइन नहीं मानी गई।यहां तक कि सोशल डिस्टेंसिग तो छोड़िए मास्क का भी प्रयोग भी अधिकांश लोगों ने नहीं किया। सरकारी कर्मचारी भी इस तरफ नहीं ध्यान दे रहे थे। मानो मास्क, कोरोना सब बहुत पुरानी और बिना मतलब की चीज हो। कहने को जिले में धारा 144 भी लागू है, पर इसका प्रभाव भी नहीं दिख रहा है। कम से कम राजनीतिक दल के वरिष्ठ लोगों को इस तरफ जरूर ध्यान देना चाहिए। इसकी उपेक्षा से कोरोना तो बढ़ ही रहा है राजनेता भी लोगों के निशाने पर आ रहे हैं।
सभी नामांकन स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग आदि व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही समुचित बैरिकेडिंग और सुरक्षा व्यवस्था के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया है।
अभिषेक प्रकाश
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी-लखनऊ