नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक सहकारी बैंक पर निकासी समेत कई रोक लगा दिए हैं। यानी कि अगर आपका इस बैंक में खाता है तो आप पैसे नहीं निकाल पाएंगे। साथ ही कुछ बैंकिंग सुविधाओं का भी लाभ नहीं ले पाएंगे। आरबीआई ने शुक्रवार को कर्जदाता बैंक की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है।
हालांकि, इस सहकारी बैंक के 99.84 प्रतिशत जमाकर्ता पूरी तरह से डीआईसीजीसी बीमा योजना के अंतर्गत आते हैं। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बीमा योजना के तहत, 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा किया जाता है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि प्रतिबंध 13 मई, 2022 को कारोबार बंद होने से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और इसकी समीक्षा की जाएगी।
किसी तरह की राशि निकालने की अनुमति नहीं
आरबीआई ने बयान में कहा कि बैंक की वर्तमान तरलता स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से किसी भी राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन शर्तों के अनुसार, उधार देयता से वसूली की अनुमति है। इसने आगे कहा कि निर्देश जारी करने को आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
व्यवसाय रहेगा जारी
आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक निर्देशों में बताए गए प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।वहीं रिजर्व बैंक ने कहा कि वह परिस्थितियों के आधार पर निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।
इस बैंक पर लगा प्रतिबंध
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, इचलकरंजी, कोल्हापुर पर प्रतिबंध लगाया है। आरबीआई का कहना है कि बिना उसके अनुमति के बैंक, किसी को लोन, अनुदान नहीं दे सकता और नए ग्राहक नहीं जोड़ सकता है। इसके अलावा किसी तरह का निवेश भी नहीं कर सकता है। वहीं अन्य प्रतिबंधों के बीच अपनी किसी भी संपत्ति या संपत्ति का निपटारा नहीं कर सकता है।