पिछले दिनों बढ़ा इजरायल और ईरान तनाव 

पिछले दिनों बढ़ा इजरायल और ईरान तनाव 

 ईरान और इजरायल: एक ईरानी शहर में शुक्रवार को विस्फोटों की गूंज सुनाई दी. ऐसा कहा जा रहा है कि यह एक इजरायली हमला था, लेकिन तेहरान ने इस घटना को अधिक महत्व नहीं दिया और यह संकेत भी दिया कि उसकी जवाबी कार्रवाई की कोई योजना नहीं है. इस प्रतिक्रिया के पीछे मकसद क्षेत्र-व्यापी युद्ध को रोकने था.

ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि ड्रोन, (इस्फ़हान शहर के खिलाफ लॉन्च किए गए कथित इजरायली ड्रोन), 'मिनी-ड्रोन' थे और उन्होंने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया न ही कोई हताहत हुआ.
हमले का सीमित पैमाना और ईरान की मौन प्रतिक्रिया उन राजनयिकों के सफल प्रयास का संकेत देती है जो 13 अप्रैल को इजरायल पर ईरानी ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद से संपूर्ण युद्ध को टालने के लिए काम कर रहे हैं.

ईरानी मीडिया और अधिकारियों ने विस्फोटों की कम संख्या बताई. उनका कहना है कि ये विस्फोट मध्य ईरान में इस्फहान के ऊपर हवाई रक्षा द्वारा तीन ड्रोनों को मार गिराने के की वजह से हुए. उन्होंने इस घटना को इजरायल के बजाय 'घुसपैठियों' का हमला बताया.

एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने  बताया कि इस घटना के लिए इजरायल के खिलाफ प्रतिक्रिया देने की कोई योजना नहीं है. अधिकारी ने कहा, 'घटना का विदेशी सोर्स कन्फर्म नहीं हुआ है. हमें बाहरी हमला नहीं मिला और चर्चा हमले से ज्यादा घुसपैठ की ओर है.'

ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन भी न्यूयॉर्क में मुस्लिम देशों के दूतों के सामने टिप्पणियों में सतर्क थे. ईरानी मीडिया ने उनके हवाले से कहा, 'जायोनी शासन (इज़राइल) के मीडिया समर्थकों ने एक हताश प्रयास में, अपनी हार को जीत बनाने की कोशिश की, जबकि गिराए गए मिनी ड्रोन से कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ.'

इजरायल और अमेरिका की प्रतिक्रिया
इटली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में बार-बार पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह यह कहने के अलावा कोई टिप्पणी नहीं करेंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन किसी भी आक्रामक अभियान में शामिल नहीं है.

व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि उसे कोई टिप्पणी नहीं करनी. अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को अपने इजरायली समकक्ष से बात की. पेंटागन के एक बयान में ईरान का कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन कहा गया कि दोनों ने 'क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों' सहित मुद्दों पर चर्चा की.

पिछले दिनों बढ़ा इजरायल और तनाव 
गाजा में जारी युद्ध के दौरान पूरे मध्य पूर्व में इजरायल और ईरानी प्रतिनिधियों के बीच हिंसा तेज हो गई है. जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा छाया युद्ध सीधे संघर्ष में न बदल जाए.
इज़राइल ने कहा था कि वह शनिवार के हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई करेगा. बता दें 13 अप्रैल को ईरान ने इजरायल पर पहली बार सीधा हमला किया था. हालांकि इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ इजरायल और उसके सहयोगियों ने सैकड़ों मिसाइलों और ड्रोनों को आकाश में ही मार गिराया था.

तेहरान ने ये हमले 1 अप्रैल को कथित इजरायली हवाई हमले के जवाब में किए थे. इस अटैक में सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के दूतावास परिसर में एक इमारत हो गई थी और एक शीर्ष जनरल सहित कई ईरानी अधिकारी मारे गए थे.

जंग को रोकने के प्रयास
वाशिंगटन में इजरायल के पूर्व राजदूत इतामार राबिनोविच ने कहा, ‘इजरायल ने प्रतिक्रिया देने की जरुरत और जवाबी प्रतिक्रिया के चक्र में प्रवेश न करने की इच्छा के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश की, जो लगातार बढ़ती रहेगी.’

अमेरिका और उसके सहयोगियों ने इजरायल पर पूरे सप्ताह दबाव डाला था कि किसी भी जवाबी कार्रवाई से और अधिक आग न भड़के. पश्चिमी देशों ने इजरायल को शांत करने के लिए ईरान पर प्रतिबंध कड़े कर दिए. इज़राइल की ओर से इस बारे में कोई संदेश नहीं आया कि आगे की कार्रवाई की योजना बनाई जा सकती है या नहीं.

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