भू-स्वामियों में निराशा बोले, लगे कई चक्कर नहीं दर्ज हुआ नाम!
सरोजनीनगर तहसील में खतौनी नामांतरण दर्ज कराने में सर्वर सबसे बड़ी बाधा
- उठे सवाल, सीएम के आदेश व डीएम के निर्देश पर गंभीर नहीं दिख रहा तहसील प्रशासन
लखनऊ, सरोजनी नगर। सर्वर गड़बड़ी के चलते खतौनी में नामांतरण दर्ज नहीं हो पा रहा है और ऐसे में इससे भूस्वामियों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि राजधानी मुख्याल से सटे सरोजनीनगर तहसील परिसर कार्यालय में पिछले एक महीने से अधिक समय से डिजिटल फिटिंग नहीं हो पा रही जिससे सैकड़ों की संख्या में दाखिल खारिज की फाइलें नामांतरण ना होने के चलते डंप है जिससे राजस्व कार्य बाधित है। गौर हो कि सरोजनी नगर पिछले कई दिनों से सर्वर गड़बड़ी के चलते राजस्व कार्य बाधित है।
इसके चलते विभिन्न गांव की खतौनी नामांतरण करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। बताया जा रहा है कि यह समस्या पिछले कई दिनों से चल रही है प्रतिदिन सैकड़ों लोग कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। जबकि कार्यालय में बैठे पदाधिकारी सिर्फ यह बताते हैं कि साइट नहीं चल रही है डिजिटल नहीं हो पा रहा है फीडिंग करने में कठिनाइयां हो रही है यह सुन सुनकर जमीन स्वामियों में रोष देखा जा रहा।
अलीनगर सुनहरा रामचौरा, समदा, पिपरसंड जैसे कई गांवों के लोग जमीन के मालिक नहीं बन पा रहे हैं। वहीं इस प्रकरण को लेकर जब एसडीएम फाल्गुनी सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने आनन-फानन में फोन कॉल तो एक बार क्षणिक पल के लिये उठाया, मगर दूसरी तरफ से कोई बात सुने बिना उसे काट दिया तो फिर क्या यह माना जाये कि विभागों के डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया को तेजी से करने के सीएम के आदेश और डीएम के निर्देश के बावजूद स्थानीय तहसील प्रशासन इस पर गंभीर नहीं हो पा रहा। जबकि इससे पूर्व में भी उक्त जनसमस्या को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों को इसके बारे में संज्ञान लाया जा चुका है।
2023 की दाखिल खारिज की फाइलें पड़ी लंबित
एक नहीं अनेक बार सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से लेकर जिले के डीएम साहब तक का आदेश बेअसर साबित हो रहा है। जबकि यह निर्देश दिया जा चुका है कि राजस्व संबंधित मामले लंबित ना होने पाए तत्काल निस्तारित किया जाए लेकिन सरोजनी नगर तहसील मोहनलालगंज तहसील में लंबित मामलों को निस्तारित करना तो दूर देखा भी नहीं जाता तभी तो 2023 की अविवादित दाखिल खारिज की फाइलें आदेश होने के बाद भी लंबित है।