यूएन में राजदूत रुचिरा ने भारत में बढ़ते महिला नेतृत्व को सराहा

यूएन में राजदूत रुचिरा ने भारत में बढ़ते महिला नेतृत्व को सराहा

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने हाल के वर्षों में भारत की पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की अगुवाई में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की जमकर प्रशंसा की। रुचिरा ने कहा कि भारत स्थानीय शासन में महिलाओं के नेतृत्व में चमक रहा है, जो सतत विकास को आगे बढ़ा रहा है। रुचिरा ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हाल ही में यूएन में आयोजित भारत के सीपीडी57 साइड इवेंट की कुछ तस्वीरें साझा की, जिसमें वह भारत के पंचायती राज संस्थानों से निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ नजर आ रही हैं। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा संयुक्त राष्ट्र में भारत की आवाज़ों को सशक्त बनाना, जमीनी स्तर पर पंचायती राज की महिला नेताओं ने स्थानीय लोकतंत्र और नेतृत्व की अपनी कहानियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी अंतर्दृष्टि जमीनी स्तर पर शासन की मजबूत, परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित करती है।

दरअसल 3 मई को जब महिला प्रतिनिधियों की बुलंद आवाजें संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गूंजीं तो यह दिन एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में चिह्नित हो गया। पंचायती राज संस्थानों से निर्वाचित इन महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर) ने सीपीडी57 के इतर हुए कार्यक्रम को संबोधित किया, जिसका शीर्षक था "एसडीजी का स्थानीयकरण" भारत में स्थानीय प्रशासन में महिला नेतृत्व। 

यूएन में भारत के स्थायी मिशन और पंचायती राज मंत्रालय ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से इस अतिरिक्त कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें महिला प्रतिनिधियों ने अपनी प्रेरणादायक कहानियों और परिवर्तनकारी पहलों से दर्शकों-श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।  भारत की ओर से कार्यक्रम में शामिल हुई तीन प्रतिनिधियों_ त्रिपुरा से सुप्रिया दास दत्ता, आंध्र प्रदेश से कुनुकु हेमा कुमारी और राजस्थान से नीरू यादव ने प्रभावशाली संवादात्मक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की। महिला प्रतिनिधियों ने स्थानीय शासन के साथ ही कई विषयगत क्षेत्रों में एसडीजी के स्थानीयकरण को आगे बढ़ाने में अपने अनुभव और नवाचार साझा किए।

बाल विवाह की समस्या से निपटने से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका के अवसरों और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने तक, इन महिलाओं ने जमीनी स्तर के नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का उदाहरण दिया। उन्होंने नेतृत्व के दौरान अपनी यात्रा में आने वाली चुनौतियों और संघर्षों के बारे में जानकारी देने के साथ यह भी बताया कि उन्होंने उन चुनौतियों से कैसे पार पाया।

इस दौरान रुचिरा ने कहा कि भारत ग्रामीण शासन की एक अनूठी प्रणाली पर गर्व करता है, जिसे पंचायती राज के नाम से जाना जाता है और जमीनी स्तर पर विकेंद्रीकृत शक्ति का प्रतीक है। रुचिरा ने भारत के 21 राज्यों में महिलाओं का  प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत तक बढ़ने का भी जश्न मनाया। उन्होंने कहा आज 3.1 मिलियन से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 1.4 मिलियन से अधिक महिलाएं हैं। महिलाओं की भागीदारी में यह वृद्धि शासन और सामुदायिक विकास में महिलाओं के योगदान को पहचानने और महत्व देने की दिशा में व्यापक सामाजिक बदलाव को दर्शाती है।

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