अधिकारियों को होटवेव से बचाव के लिए दिया दिशा-निर्देश 

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा गर्म हवा व लू से बचाव को लेकर जारी की गई एडवाइजरी 

अधिकारियों को होटवेव से बचाव के लिए दिया दिशा-निर्देश 

अंबेडकर नगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा जनसामान्य से अपील करते हुए कहा है कि मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार अप्रैल से जून माह में अधिक तापमान रहने के साथ ही हीटवेव (लू) चलने की संभावना है। इसे लेकर समस्त अधिकारियों को होटवेव से बचाव के लिए विभागवार दायित्व जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। वहीं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अम्बेडकारनगर द्वारा एडवाइजरी जारी कर लू से बचाव के उपाय, लक्षण व उपचार को अमल में लायें और अपना बचाव करें।डॉ० सदानन्द गुप्ता, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार अप्रैल से जून माह में अधिक तापमान रहने की संभावना है जनपद में विगत 14 दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है,

जिससे जनपद के अधिकांश भागों हीटवेव (लू) से प्रभावित होने की संभावना है, जिससे आवश्यक सावधानियां रखी जानी चाहिए। ऐसे में हीटवेब (लू) से बचाव के लिए आवश्यक एहतियातें बरती जायें तथा सुरक्षात्मक उपायों को अपनाया जाये।  जिला आपदा विशेषज्ञ' सूर्यभान द्वारा बचाव के तरीके बताते हुए कहा कि गर्म हवाओं से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एलु‌मिनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिडकियों व दरवाजों पर, जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आतीं हैं, काले परदे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सजग रहें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को कभी भी बन्द वाहन में अकेला न छोड़ें।

जहां तक सम्भव हो घर में ही रहे तथा सूर्य के ताप से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। मादक पेय पदार्थों का सेवन न करें। घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें।उक्त के क्रम में बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि खाना बनाते समय घर के खिड़की दरवाजे आदि खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थों, शराब अथवा अल्कोहल से बचें। उच्च प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें तथा बासी भोजन कतई न इस्तेमाल करें इसके साथ ही संतुलित व हल्का आहार लें। दोपहर के समय यदि बहुत आवश्यक हो तभी घर से धूप में बाहर निकलें अन्यथा धूप में जाने से बचें और यदि जाना ही पड़े तो सिर को जरूर ढकें। घर में पेय पदार्थ जैसे लस्सी, छांछ, मट्टा, बेल का शर्बत, नमक, चीनी का घोल, नीबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि अभी आगे गर्मी का प्रकोप और बढ़ने की सम्भावना है इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।

कब लगती है लू:-
गर्मी में शरीर के द्रव्य बॉडी पलूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों को लू से विशेष बचाव करने की आवश्यकता है। इसके अलावा डॉययूरेटिक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सावधान रहें।

लू के लक्षणः-
गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उल्टे सांस गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी आदि मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर के उच्च तापमान से आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है। उक्त से विशेष बचाव की आवश्यकता है।

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