बदायूं में इस बार क्‍या होगा, इस पर सभी की निगाहें, रोचक हुआ चुनावी मुकाबला 

बदायूं में इस बार क्‍या होगा, इस पर सभी की निगाहें, रोचक हुआ चुनावी मुकाबला 

 

बदायूं। बदायूं में इस बार क्‍या होगा, इस पर सभी की निगाहें हैं। इस क्षेत्र को सपा का गढ़ माना जाता रहा है। ऐसा कहने के पीछे आधार है कि यहां से अधिकतर सपा जीत हासिल कर चुकी है। बसपा को यहां निराशा हाथ लगी। यहां से भाजपा भी सफलता हासिल कर चुकी है। 2019 के चुनाव मे भाजपा की डा संघमित्रा मौर्य ने सपा के धर्मेन्द्र यादव को हराकर जीत हासिल की थी। यहां जीत को बरकरार रखने के लिए अब भाजपा ने दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है। सपा ने राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव पर दांव लगाया है। यहां से सपा ने सबसे पहले धर्मेन्द्र यादव के नाम की घोषणा की थी। कुछ दिन बाद शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया था। इनके बाद सपा ने आदित्य यादव को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए पूर्व विधायक मुस्लिम खान को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में अब बदायूं में चुनावी दौर गरमा गया है। बीते कुछ वर्षों में भाजपा का कद बढ़ा तो यहां भी असर दिखा। 2019 में बीजेपी ने सपा की जीत की हैट्रिक रोक दी थी। अब इस बार फिर भाजपा माहौल बनाने में जुटी है। राजनैतिक विश्लेषणों का मानना है कि बदायूं में चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। 


राजनैतिक विश्लेषणों का मानना है कि सपा के लिए राह आसान नहीं होगी। हालांकि बसपा की मौजूदगी दोनों दलों को चुनौती दे सकती है। 2019 के चुनाव में सपा व बसपा का गठबंधन था लेकिन इस बार बसपा ने मुस्लिम खान को उम्‍मीदवार बनाकर उतारा है। पहले के चुनाव में भाजपा व सपा में बसपा के वोट बंट गए थे पर इस बार बसपा प्रत्‍याशी के मैदान में आने से यह समीकरण बिगड़ सकता है। एक तरफ सपा के मुस्लिम नेताओं मे गुटबाजी साफ़ दिख रही है तो वही दूसरी ओर सपा चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। शुक्रवार को बसपा के पूर्व विधायक हाजी मुसर्रत अली अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए हैं। सपा मे कुछ मुस्लिम नेता काफी दिनों से अंदरखाने नाराज भी चल रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव जब से बदायूं आएं हैं तब से वो कभी किसी को, तो कभी किसी को मना रहे हैं, हालांकि शिवपाल यादव का कहना कोई टाल नहीं रहा है लेकिन सपा के मुस्लिम नेता एक साथ मंच पर दिखाई नही दे रहे हैं, जिसकी काफी चर्चा हो रही है। अपने ही गढ़ मे सपा की राह आसान नहीं दिख रही है। बदायूं में सपा को अपनो की नाराजगी के साथ साथ बसपा प्रत्याशी मुस्लिम खान ने मुश्किल मे डाल दिया है। चर्चा है कि अगर मुस्लिम समाज बसपा प्रत्याशी मुस्लिम खान की तरफ घिसका तो सपा को काफी दिक्कत हो सकती है। राजनैतिक विश्लेषणों का मानना है कि भले ही सपा को अपनो की नाराजगी से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन बसपा प्रत्याशी मुस्लिम खान से काफी मुश्किले बढ सकती हैं। बसपा प्रत्याशी मुस्लिम खान ने सपा भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। बसपा प्रत्याशी मुस्लिम खान के आने से बदायूं का चुनाव मुकाबला रोचक हो गया है।

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