खुद की कुल्हाड़ी, खुद का पांव : कांग्रेस की लाचारी 

खुद की कुल्हाड़ी, खुद का पांव : कांग्रेस की लाचारी 

(हरिमोहन विश्वकर्मा )

दिल्ली। पहले दौर के लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद परेशान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर हमले के नए -नए तरीके ढूंढ़ रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने हिंदुत्व वोटों को छिटकते देख हिन्दू -मुस्लिम का पुराना कार्ड भी खेल दिया और खुलेआम कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं कि सत्ता में आने की स्थिति में वह हिन्दुओं की सम्पत्ति को रोहिंग्या और दूसरे मुसलमानों को बांट देगी। इसके लिए प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान को भी आधार बनाया है। कांग्रेस अभी प्रधानमंत्री के आरोपों को नकारने और झूठे सिद्ध करने में लगी ही थी कि गाँधी परिवार के नजदीकी सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स की बात कर कांग्रेस के लिए नयी मुश्किल खड़ी कर दी है। मंगलसूत्र और संपत्ति को लेकर जारी वार-पलटवार के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की टिप्पणी के बाद भाजपा नई एनर्जी के साथ कांग्रेस पर हमलावर है। तो उधर कांग्रेस सैम पित्रोदा के बचाव में उतर आई है। दरअसल देश में जारी सियासी गर्मी के बीच सैम पित्रोदा का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र किया। उनके इस बयान के बाद भाजपा ने उन्हें घेरते हुए कांग्रेस पर देश को बर्बाद करने का आरोप लगाया। हालांकि कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किनारा करते हुए बयान को निजी बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केरल के तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बात करते हुए इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। सैम पित्रोदा के बयान पर खड़गे ने कहा कि हमारे देश में संविधान है। हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है और भाजपा सिर्फ़ वोट के लिए ऐसा कर रही है। बता दें कि जिस कानून का सैम पित्रोदा ने जिक्र किया है, उसके अनुसार अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। इस कानून के अनुसार यदि किसी अमेरिकी नागरिक के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मौत हो जाती है तो उसके परिवार यानी बच्चों को सिर्फ 45 प्रतिशत हिस्सा ही ट्रांसफर किया जा सकता है। बचा 55 फीसदी सरकार द्वारा ले लिया जाता है। अमेरिका में विरासत टैक्स हर जगह नहीं है। 2023 तक सिर्फ छह राज्यों में विरासत टैक्स का प्रावधान है, और कराधान उस राज्य पर निर्भर करता है, जिसमें मृतक रहता था या उसकी संपत्ति थी, विरासत का मूल्य और लाभार्थी का मृतक से संबंधों के आधारों पर विरासत टैक्स लगाया जाता है। हालांकि अमेरिका में कोई संघीय विरासत टैक्स नहीं है, जबकि अमेरिकी सरकार बड़ी संपत्तियों पर सीधे टैक्स लगाती है, जिसे संपत्ति टैक्स कहा जाता है और यदि अमेरिकी सरकार संपत्ति से किसी भी कमाई पर आयकर लगाती है तो फिर उन लोगों पर विरासत कर नहीं लगाती है जो संपत्ति से संपत्ति प्राप्त करते हैं। बहरहाल, भाजपा और मोदी सरकार को कांग्रेस पर सैम के बयान के बाद हमला करने का सुनहरा मौका मिल गया गया है। नरेंद्र मोदी, पिछले दो -तीन दिन से जिस तरह रोहिंग्या और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पुराने बयानों को आधार बनाकर कांग्रेस को घेर रहे थे, पित्रोदा के बयान ने भाजपा और नरेंद्र मोदी के बयान को आधार दे दिया है। पहले से ही मुसीबतों में घिरी कांग्रेस के लिए इस नई मुसीबत से पार पाना आसान नहीं होगा।

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