जिले का औसत भूजल स्तर सवा दो मीटर गिरा
धमतरी। मई-जून की गर्मी अपैल माह में ही पड़ रहा है। दोपहर का तापमान 41 डिग्री पार कर चुका है। असहनीय धूप, गर्मी और उमस से हर वर्ग व्याकुल है। वहीं गर्मी बढ़ने के कारण जिले का भूजल स्तर अभी से ही औसत दो मीटर गिर चुका है। यही वजह है कि कई हैंडपंप बंद है। बोर पंप हाफने लगा है। धमतरी व मगरलोड ब्लाक की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। मार्च माह के अंतिम सप्ताह और अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में ही इस साल मई-जून की गर्मी शुरू हो गई। दोपहर का अधिकतम तापमान 41 डिग्री पार हो चुका था। इस बीच एक सप्ताह से अधिक समय तक बेमौसम बारिश हुई। बादल वाला मौसम बना रहा। वहीं गंगरेल बांध से तालाबों को भरने के लिए निस्तारी पानी रूद्री बैराज से महानदी मुख्य नहर में छोड़ा जा रहा है, लेकिन भू जल स्तर रिचार्ज नहीं हो सका। पीएचई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले का औसत भूजल स्तर 17.27 मीटर है, जो वर्तमान में बढ़कर 19.30 मीटर हो चुका है। यह भूजल स्तर अधिक है। औसत भूजल स्तर से दो मीटर अधिक है। यही वजह है कि जिले के कई हैंडपंप व बोरपंप बंद हो चुका है। गांवों के बोर पंप हाफने लगा है। पानी की धार पतली हो गई है, जो लोगों की चिंता बढ़ा दी है। गर्मी ऐसा ही रहा, तो भू जलस्तर के और गिरने की आशंका है। पीएचई विभाग की मानें, तो धमतरी व मगरलोड ब्लाक में भूजल स्तर तेजी से गिरा है। मार्च माह में धमतरी का औसत भूजल स्तर 19.70 मीटर था, जो अब बढ़कर 20.50 मीटर हो चुका है। इस तरह धमतरी में एक मीटर भूजल स्तर गिरा है। वहीं कुरूद का भूजल स्तर मार्च माह में 17.30 मीटर था, जो बढ़कर 17.70 मीटर हो चुका है। वहीं मगरलोड ब्लाक का भूजल स्तर 20.60 मीटर था, जो बढ़कर अब 21.10 मीटर हो चुका है। यहां करीब एक मीटर भूजल स्तर गिरा है। वहीं नगरी ब्लाक में मार्च माह में भूजल स्तर 17.40 मीटर था, जो अब बढ़कर 17.90 मीटर हो चुका है। इस तरह जिले के सभी नगरीय निकाय व गांवों में भूजल स्तर प्रभावित है। बोर पंपों में अतिरिक्त पाइप लगाने की नौबत आ गई है, इससे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई है। कुकरेल क्षेत्र के कई गांवों में पेयजल संकट की स्थिति भी है। पीएचई धमतरी के ईई आरके शुक्ला ने बताया कि अप्रैल माह में तेज गर्मी पड़ने की वजह से भूजल स्तर प्रभावित है। धमतरी व मगरलोड ब्लाक ज्यादा प्रभावित है।