चुनाव के दूसरे चरण में हीट वेव बड़ी चिंता?

 चुनाव के दूसरे चरण में हीट वेव बड़ी चिंता?

लोकसभा चुनाव: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतादान प्रतिशत कम रहने की वजह गर्मी को भी बताया जा रहा था. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि लू के चलते दोपहर के वक्त लोग घरों से बाहर नहीं निकले और इसकी वजह से कई जगहों पर मतदान प्रतिशत प्रभावित हुआ. अब जब दूसरे चरण का मतदान नजदीक आ रहा है तो एक बार फिर लू और बढ़ती गर्मी की चिंता सताने लगी है. आइये जानते हैं वोटिंग पर गर्मी के प्रभाव के बारे में मौसम विभाग ने क्या कहा..

कोई बड़ी चिंता नहीं..
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को बताया कि 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए लू चलने को लेकर ‘कोई बड़ी चिंता’ नहीं है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने आयोग को बताया कि दूसरे चरण के चुनाव वाले 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मौसम का पूर्वानुमान ‘सामान्य’ है.

मौसम विभाग की एजेंसियों के साथ बैठक

बढ़ते तापमान पर चिंताओं के बीच, निर्वाचन आयोग ने सोमवार को मौसम की स्थिति को समझने और लोकसभा चुनाव अवधि के दौरान गर्म मौसम की स्थिति के कारण किसी भी जोखिम को कम करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ बैठक की. देश में आम चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर एक जून तक सात चरणों में हो रहे हैं.

जानें बैठक की मुख्य बातें

यह बैठक उन चिंताओं के बीच भी हो रही है कि गर्मी के प्रकोप से मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है. बयान में कहा गया है कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निर्वाचन आयोग, भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का एक कार्यबल किसी भी ‘संबंधित घटनाक्रम’ के लिए प्रत्येक चरण से पांच दिन पहले लू और उमस के प्रभाव की समीक्षा करेगा.

आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया

आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया कि राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को चुनाव परिचालन को प्रभावित करने वाली लू की स्थिति के लिए तैयारी करने और सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं. आयोग अपने हालिया परामर्श के अनुसार मतदान केंद्रों पर टेंट, पेयजल, पंखे और अन्य न्यूनतम सुविधाओं समेत पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ समीक्षा करेगा.

क्या करें और क्या न करें..

आयोग ने कहा कि मतदान केंद्र क्षेत्रों में गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए लोगों के बीच इस बारे में जानकारी प्रसारित की जाएगी कि ‘‘क्या करें और क्या न करें’’. इसमें कहा गया है, ‘‘निर्वाचन आयोग मौसम की रिपोर्ट पर बारीकी से नजर रख रहा है और मतदान कर्मियों तथा सुरक्षा बलों, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ मतदाताओं की सुविधा और कुशलता सुनिश्चित करेगा.’’

 

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