पृथ्वी का संरक्षण: एक साझी जिम्मेदारी-रवि शंकर द्विवेदी

पृथ्वी का संरक्षण: एक साझी जिम्मेदारी-रवि शंकर द्विवेदी

ब्रजेश त्रिपाठी

प्रतापगढ़। पृथ्वी, हमारा निवास स्थल, हमारी माता है। इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। आज, जब हम विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं, हमें यह समझना चाहिए कि पृथ्वी की सुरक्षा और संरक्षण का नाम लेने से केवल आधारभूत रूप से कुछ नहीं होगा। इसमें हम सभी की भागीदारी और संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है।उक्त बातें रवि शंकर द्विवेदी निवर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी प्रतापगढ़ ने दुरभाष पर*तरुण मित्र*को बताईं जो वर्तमान में कौशाम्बी जनपद में उक्त पद पर तैनात हैं।

उन्होंने आगे बताया कि हमारे पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन और विकास के साथ, हमें अपनी प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करने के साथ-साथ, इन्हें संरक्षित भी रखना है। जलवायु परिवर्तन, जल संकट, और जलवायु आपातकालीनता की चुनौतियों के सामने हमें एक समझौते का सामना करना होगा।प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव नष्ट, जलसंकट, और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे मुद्दों के समाधान के लिए सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्तर पर साझेदारी की आवश्यकता है।

साथ ही, जनसंख्या नियंत्रण, स्वच्छता अभियान, और उद्यमिता को बढ़ावा देने की भी जरुरत है।यह समय है कि हम सभी एकजुट होकर समस्याओं का समाधान ढूंढें और साझेदारी करें। हमें अपने कार्यक्षेत्रों में पर्यावरण सद्भावना और सम्मान बढ़ाना होगा। इस संबंध में शिक्षा, संगठन, और नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।

द्विवेदी ने आगे कहा कि इस विशेष दिन पर, हमें यह समझना चाहिए कि हमारे कृत्यों का परिणाम हमारे भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा। पृथ्वी का संरक्षण केवल एक विचार नहीं है, बल्कि यह हमारी साझी जिम्मेदारी है। आइए इस विश्व पृथ्वी दिवस पर हम सभी मिलकर एक समृद्ध, स्वच्छ, और सुरक्षित पृथ्वी की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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