दो साल से याचिका में जवाब पेश नहीं, हाईकोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

दो साल से याचिका में जवाब पेश नहीं, हाईकोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक को बिना कारण निलंबित करने से जुडे मामले में दो साल बाद भी जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में 13 मई तक स्पष्टीकरण नहीं देने पर अतिरिक्त मुख्य शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को पेश होने को कहा है। वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता शिक्षक के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश भंवरलाल गुर्जर की याचिका पर दिए। याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि 27 जनवरी, 2021 को याचिकाकर्ता को प्रशासनिक आधार पर निलंबित करते हुए उसका बीकानेर मुख्यालय कर दिया। इसके बाद मार्च माह में मुख्यालय बदलकर टोंक कर दिया गया। इसके बाद 31 अक्टूबर, 2021 को मुख्यालय एक बार फिर से बीकानेर निदेशालय कर दिया गया। इस पर नवंबर, 2022 में याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई थी, लेकिन राज्य सरकार को कई अवसर देने के बाद भी अब तक जवाब पेश नहीं किया गया। वहीं इस बार सुनवाई के दौरान सरकारी वकील भी पेश नहीं हुए। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता के निलंबन पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने कहा कि 13 मई तक स्पष्टीकरण नहीं देने पर दोनों अधिकारी पेश होकर इस संबंध में अदालत को जानकारी दे।



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