अयोध्या व काशी के बाद चित्रकूट के विकास में जुटी योगी सरकार

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे, राम वनगमन मार्ग से और बेहतर हो जाएगी कनेक्टिविटी

अयोध्या व काशी के बाद चित्रकूट के विकास में जुटी योगी सरकार

  • पर्यटक सुविधाओं के विकास के लिए 50 करोड़ की मंजूरी
  • चित्रकूट को निवेश का भी हब बना रही सरकार
  • सतना ग्रीनफील्ड हाईवे और बेहतर हो जाएगी कनेक्टिविटी

लखनऊ। कभी दस्यु गिरोहों के लिए बदनाम रहा चित्रकूट अब विकास की रोशनी से रौशन हो रहा है। यह वही चित्रकूट है जहां कभी ददुआ, ठोकिया, राधे, बबली कोल, गौरी यादव, साधना पटेल और गोप्पा जैसे दस्यु गिरोहों का समानांतर शासन चलता था। लोगों में हरदम इन दस्युओं को लेकर दहशत का माहौल था। यहां तक कि ये राजनीति को प्रभावित करने की स्थित में थे। मुख्यमंत्री योगी के शासन काल में अब यह सब बीते दिनों की बात हो गई है। वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण सहित चित्रकूट में सर्वाधिक समय बिताया था। श्रीराम ने यहीं कोल, किरात आदि को खुद से जोड़कर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निजी रुचि और प्रयासों के नाते चित्रकूट एक बार फिर वैसा ही अहसास करा रहा है। 

चित्रकूट के समग्र विकास के लिए चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन हो चुका है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से सड़क कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। यहां की पहाड़ियों पर एक खूबसूरत एयरपोर्ट भी खुल चुका है। यह सात जिलों वाले बुंदेलखंड का पहला एयरपोर्ट है। कनेक्टिविटी बढ़ने और पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ने से हाल में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 8 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इसके किए सरकार ने 50 करोड़ रुपये मंजूर किए। इस पैसे से राम वनगमन के पड़ाव स्थल पर पर्यटक सुविधा केंद्र की सुविधाओं को और बेहतर किया जाएगा। इसमें करीब 12 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एयरपोर्ट के पास देवांगना में 17.56 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटक सुविधा केंद्र बनेगा। इसी क्रम में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के विकास में 20.45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन सभी कार्यों के लिए पहली किस्त के रूप में क्रमश: 50, 70 और 75 लाख रुपये जारी भी किए जा चुके हैं।

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार योगी सरकार का ध्यान सिर्फ पर्यटन पर ही नहीं है, वह चित्रकूट को निवेश का भी हब बनाना चाहती है इसी मंशा से पर्यटकों के साथ निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छह जिलों को शामिल करते हुए प्रयागराज-चित्रकूट विकास क्षेत्र का गठन किया गया है। इसमें प्रयागराज एवं चित्रकूट साथ फतेहपुर, बांदा, कौशांबी और हमीरपुर भी शामिल हैं। इसके गठन की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हुई बैठक के दौरान की थी। अयोध्या से लेकर चित्रकूट तक राम वनगमन मार्ग में पड़ने वाले हर महत्वपूर्ण स्थल का सरकार पहले से विकास करा रही। डिफेंस कॉरिडोर के छह नोड्स में से एक चित्रकूट भी है।

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड को चित्रकूट को बाया प्रयागराज रीवा मार्ग से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस वे से जोड़कर चित्रकूट की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जा रहा है। सतना से चित्रकूट को जोड़ने के लिए भी चार लेन के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की घोषणा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कर चुके हैं। भारत माला परियोजना के तहत इस पर काम भी हो रहा। इससे मध्यप्रदेश और इससे आगे मुंबई तक चित्रकूट की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी।

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