फटे ड्रेस पहनने को विवश छात्राएं, चेक किया जाता है सेनेटरी पैड

जांच कमेटी स्कूल पहुंचकर छात्राओं से बात की तो उन्होंने पूरी पोल खोल

फटे ड्रेस पहनने को विवश छात्राएं, चेक किया जाता है सेनेटरी पैड

मिर्जापुर: जिले के मड़िहान तहसील के अंतर्गत आने वाले जयप्रकाश नारायण सर्वोदय आश्रम पद्धति बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं के साथ ऐसा सुलूक किया जाता है, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट शासन को भेजी है, उसमें चौंकाने वाले आरोप छात्राओं ने लगाया है. छात्राओं ने जांच अधिकारी को बताया है कि शिक्षिकाएं हिटलर जैसे व्यवहार करती हैं. बड़े बाबू सिगरेट पीकर धुंआ छात्राओं के ऊपर उड़ाता हैं. यही नहीं कुछ छात्राएं प्रेगनेंसी हो चुकी है, प्रेगनेंसी किट भी वितरण किया गया है. इतना ही नहीं छात्रओं की सेनेटरी पैड चेक किया जाता है.
 
महिला आयोग की सदस्य ने दिया था जांच का आदेश
दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने विद्यालय का निरीक्षण किया था. जिसमें अनियमिताओं अव्यवस्थाओं की जांच के लिए जिला अधिकारी प्रियंका निरंजन को निर्देश दिया था. जिलाधिकारी ने 6 फरवरी को तीन सदस्यीय टीम गठन कर जांच करने का आदेश दिया था. एसडीएम मड़िहान, जिला प्रोबेशन अधिकारी और बीडीओ जमालपुर ने जांच रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें यह खुलासा हुआ है.
 
शिक्षिकाओं का हिटलर जैसा व्यवहार
जांच कमेटी स्कूल पहुंचकर छात्राओं से बात की तो उन्होंने पूरी पोल खोल दी. छात्राओं ने जांच कमेटी को बताया कि मेनू के अनुसार नास्ता, खाना नहीं दिया जाता है. सप्ताह में एक बार फल तो दिया जाता है, दूध कभी नहीं दिया जाता है. शिक्षिकाएं छात्राओं के साथ हिटलर जैसे व्यवहार करती हैं. कुछ भी कहने पर मारती और डांटती हैं. विद्यालय के बड़े बाबू का लड़कियों के प्रति नीयत ठीक नहीं रहती है. बाहर से पान मसाला गुटका खाकर आता है. सिगरेट के धुएं लड़कियों के ऊपर उड़ता है. छात्राओं को समय से सामग्री वितरण नहीं करता है. साल भर में एक बार टूथब्रश और स्लीपर दिया जाता है. इतना ही तैलिया 2 वर्ष से वितरण नहीं किया गया. यही नहीं फटे ड्रेस पहनने को विवश छात्राएं है.साथ ही छात्राओं ने जांच कमेटी को बताया कि कुछ छात्राएं प्रेगनेंट हो चुकी है, प्रेगनेंसी किट भी वितरण यहां पर किया गया है. छात्राओं की सेनेटरी पैड चेक किया जाता है.
 
अध्यापिकाएं स्मार्ट क्लास में करती हैं ड्रिंक
विद्यालय की अध्यापिकाएं एसी वाले स्मार्ट क्लास में बैठकर ड्रिंक करती हैं और वहां सोती हैं. क्लास अटेंड न करने पर जब छात्राएं बुलाने जाती हैं तो उन्हें डांट कर भगा देती हैं. एक अध्यापिका छात्रों से गाली देकर बात करती हैं. विद्यालय में विज्ञान व कम्प्यूटर की अध्यापिका नहीं हैं. छात्राओं को पढ़ने के लिए पूरी किताबें नहीं दी जाती. जो किताबें मिलती हैं, उसके पन्ने फटे होते हैं. छात्राओं ने बताया कि विषय चयन का अवसर उन्हें नहीं दिया जाता है. साइंस व आर्ट की छात्राओं में काफी भेद-भाव किया जाता है. इच्छा के विरुद्ध विषय चयन करने के लिए विवश किया जाता है. कॉपी, पेन, स्पाइरल व आवश्यकतानुसार सामग्री नहीं दिया जाता है. पैसे के बल पर छात्राओं को प्रैक्टिकल में नम्बर दिया जाता है.
 
एक्सपायर साबुन दिया जाता
छात्राओं ने बताया कि आवश्यकतानुसार ड्रेस व जूते नहीं दिया जाते. एक्सपायर डेट का लाइफ ब्वाय साबुन वितरित किया जाता है. इसके साथ ही न तो खेल-कूद कराया जाता है न ही खेलकूद का सामान दिया जाता है. विद्यालय में अभिभावक के बैठने व टायलेट की व्यवस्था नहीं है. उन्हें अपने अभिभावकों से मिलने से रोका जाता है.
 
एसडीएम को व्यवस्था सुधारने का जिम्मा
जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य निलम प्रभात ने आश्रम पद्धति विद्यालय का निरीक्षण किया था. जिला अधिकारी को जांच का निर्देश दी थी. जिला अधिकारी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच कराया है. जिसमें यह खुलासा हुआ है. पढ़ रही छात्राओं ने अपनी पहचान को गुप्त रखने की बात कही है. जांच रिपोर्ट से यह पता चलता है कि विद्यालय की दो गुट है. इन दोनों गुटों के बीच हो रहे टकराव के कारण विद्यालय की व्यवस्था बिगड़ी है. मड़िहान उप जिला अधिकारी को अमूल चूक परिवर्तन व कठोर नियंत्रण के कहा गया है. जांच रिपोर्ट का पत्र जारी किया गया है.
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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