गैर इरादतन हत्या में पुलिस कर्मियों की ज़मानत मंजूर
अदालत ने सुनाई है पांच साल की सजा
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के मामले में सजा पाए दो पूर्व पुलिस अधिकारियों की अपील पर उनकी ज़मानत मंजूर कर ली है। राजेंद्र प्रसाद तिवारी और शेष मणि पांडेय की अपील पर यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने दिया। याचियों को जौनपुर के जफराबाद थाने में दर्ज गैर इरादतन हत्या राज्य बनाम वशिष्ठ मुनि तिवारी में जिला अदालत ने पांच वर्ष के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ़ दाखिल अपील में कहा गया कि याचियों को मुकदमे में झूठा फंसाया गया है। उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। पुलिस और सीबीसीआईडी की जांच तथा न्यायिक जांच में भी उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिला। वादी मुकदमा द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर अदालत ने उनको सजा सुना दी। अपील में सजा रद्द करने और ज़मानत पर रिहा करने की मांग की गई। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि अपील का शीघ्र निस्तारण होने की सम्भावना नहीं है। याचियों को जेल में रखने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा। कोर्ट ने अपील लम्बित रहने के दौरान ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
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