स्थापना के 35 वर्षों के बाद मलाही को मिला पूर्ण थाने का दर्जा

 स्थापना के 35 वर्षों के बाद मलाही को मिला पूर्ण थाने का दर्जा

पूर्वी चंपारण । जिले के मलाही ओपी थाना को स्थापना के 35 वर्ष बाद पूर्ण थाना का दर्जा मिल गया। अब क्षेत्र के लोगो को प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर गोविंदगंज व पहाड़पुर थाना का चक्कर नही लगाना पड़ेगा।अब सीधे मलाही में ही प्राथमिकी दर्ज होगी।

मलाही ओपी का निर्माण 20 मार्च 1989 में उस समय किया गया था,जब मलाही से सटे गंडक दियारा में दस्युओं के आतंक कायम था और यह क्षेत्र बंदूकों कि गर्जन से गूंज रहा था और पूरा इलाका हत्या व अपहरण का केन्द्र बन चुका था। गंडक तटीय मलाही जिले का एक प्रमुख व्यवसायी केन्द्र के रूप में जाना जाता है।जिसकी सीमा प चंपारण के साथ गंडक पार गोपालगंज से भी जुड़ती है।

90 के दशक में दस्यु गिरोहों के आतंक, हत्या और अपहरण की करतूतों से उपजी भयावह स्थिति को देखते हुए गोविंदगंज के तत्कालीन निर्दलीय विधायक स्व, योगेन्द्र पाण्डेय ने समाजसेवी व व्यवसायी स्व भूदेव प्रसाद गुप्ता के खपरैल मकान में वर्ष 1989 में ही मलाही थाना कि स्थापना करायी थी। बाद में भूदेव गुप्ता ने वर्ष 2004 थाना के लिए अपने खपरैल मकान सहित 12 कट्ठा छह धुर जमीन दान स्वरुप सरकार को रजिस्ट्री कर क्षेत्र में मिसाल कायम किया था।

इस कार्य में समाजसेवी विजय गुप्ता तथा मोतीलाल गुप्ता का भी सराहनीय प्रयास रहा था। अरेराज प्रखण्ड के ममरखा, ममरखा भइया टोला, चटिया बड़हरवा,चटिया चिंतामनपुर, नगदाहा का पूर्ण पंचायत,मिश्रौलिया,पंचायत के सिरनी,और पुरंदरपुर गांव तथा मंगुराहा पंचायत कौवहां ,दामोदरपुर गांव सहित पहाड़पुर प्रखण्ड के तेजपुरवा, मझरिया पंचायत का करीब 35 हजार लोगों का सुरक्षा व अपराध नियंत्रण का जिम्मा मलाही थाना को है। मलाही थाना को पूर्ण थाना का दर्जा प्राप्त होने पर क्षेत्र वासियों में हर्ष व्याप्त है।

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