तीसरे चरण में भाजपा और सपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उप्र में 10 सीटों के लिए मतदान होना है। तीसरे चरण की 10 सीटों में पिछली बार भाजपा को 8 और सपा के खाते में 2 सीटें आई। कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला। भाजपा के सामने जीती सीटें बचाने के साथ हारी सीटों को जीतने की दोहरी चुनौती है। वहीं सपा अपनी सीटें बढ़ाना चाहेगी। भाजपा और सपा दोनों के लिए यह चरण प्रतिष्ठा वाला है। गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव में सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन था। कांग्रेस अकेले मैदान में थी।

2019 का चुनाव सपा-बसपा गठबंधन-
2019 के आम चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन था। तीसरे चरण की दस सीटों में से तीन सीट आगरा (अजा), फतेहपुर सीकरी और आंवला बसपा के खाते में थी। शेष सात सीटों पर सपा के प्रत्याशी मैदान में थे। बसपा को तीनों सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा। इस बार सपा-कांग्रेस इंडी गठबंधन के साथी हैं। वहीं भाजपा-रालोद एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। बसपा अकेले मैदान में है।

सपा ने जीती दो सीटें-
17वीं लोकसभा के लिए 2019 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) तीसरे चरण की दस में से मात्र दो सीट मैनपुरी और संभल ही जीत पाई थी। मैनपुरी से स्वयं मुलायम सिंह यादव और संभल में शफीकुर्रहमान बर्क चुनाव जीते थे। इस चुनाव में दोनों ही नहीं है। दोनों का निधन हो चुका है।

भाजपा की झोली में आठ सीटें-
पिछले चुनाव में भाजपा ने तीसरे चरण की दस में से आठ सीटें हाथरस (अजा),आगरा (अजा), फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली जीती थी।

2024 के चुनाव में सपा-
सपा का गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी सीट से डिंपल यादव मैदान में है। मुलायम सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में वह मैनपुरी सीट पर जीती थी। भाजपा ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को उतारा है तो बसपा ने यादव उम्मीदवार देकर सपा का खेल बिगाड़ना चाहती है। इसी चरण में आने वाली फिरोजाबाद सीट कभी सपा की हुआ करती थी। वर्ष 1999 और 2004 में सपा के रामजी लाल सुमन चुनाव जीते थे तो वर्ष 2009 व 2014 में अक्षय यादव चुनाव जीते थे। 2019 में फिरोजाबाद भाजपा प्रत्याशी चंद्रसेन जादौन ने सपा के अक्षय यादव का परास्त किया था।

2024 के आम चुनाव में सपा ने अक्षय यादव तो भाजपा ने विश्वदीप सिंह को मैदान में उतार कर विपक्षी को घेरने की कोशिश की है। संभल में शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद सपा ने उनके पोते ज़ियाऊर्रहमान को मैदान में उतारा है। भाजपा से परमेश्वर लाल सैनी, बहुजन समाज पार्टी से चौधरी सौलत अली मैदान में हैं। बदायूं लोकसभा सीट से पिछली बार सैफई परिवार के धर्मेन्द्र यादव मैदान में थे। भाजपा प्रत्याशी डॉ. संघप्रिया गौतम ने सपा प्रत्याशी को हराया था। इस बार इस सीट से सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव मैदान में हैं। भाजपा ने दुर्विजय सिंह शाक्य और बसपा ने मुस्लिम खां को टिकट दिया है।

भाजपा क्लीन स्वीप की तैयारी में-

भाजपा इस बार पिछले चुनाव में हारी हुई दो सीटों को जीतने के साथ क्लीन स्वीप की तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। जातीय समीकरणों से लेकर, उन तमाम बिंदुओं पर पार्टी के रणनीतिकारों की नजर है जिससे जीत पक्की हो। पार्टी ने आगरा, फतेहपुर सीकरी, आंवला और एटा जैसी सीटों पर वर्तमान सांसदों को दोबारा मैदान में उतारा है। वहीं, फिरोजाबाद, बदायूं, हाथरस और बरेली सीट के मौजूदा सांसदों का टिकट काटने से परहेज नहीं किया। पार्टी ने पिछले चुनाव में हारी हुई मैनपुरी सीट पर इस बार नये चेहरे योगी मंत्रिमंडल के मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह पर दांव लगाया है। पिछले चुनाव में भाजपा की ओर से प्रेम सिंह शाक्य मैदान में थी। वहीं संभल सीट भी भाजपा पिछली बार हारी थी। भाजपा ने पिछले चुनाव में रनर रहे परमेश्वर लाल सैनी पर दोबारा विश्वास जताया है।

तीसरे चरण की 10 सीटें, 100 प्रत्याशी मैदान में-
प्रदेश में लोकसभा सामान्य निर्वाचन तीसरे चरण की 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों संभल, हाथरस (अजा),आगरा (अजा), फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में नाम वापसी के पश्चात 100 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है।

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