जिले में पशुपालन काे लेकर घट रही रूचि,43 हजार मवेशियों की संख्या में आई है कमी

जिले में पशुपालन काे लेकर घट रही रूचि,43 हजार मवेशियों की संख्या में आई है कमी

धमतरी।दिनोंदिन शहर व गांवों से मवेशियों की संख्या कम होने लगी है, इसका मुख्य कारण मवेशी पालन में लोगों की दिलचस्पी कम हो गई है। शहर व गांवों में लोग जिनके पास मवेशी है, वे गौशाला में मवेशी दान कर रहे हैं। कुछ लोग तो मवेशियों के घर नहीं लौटने पर ढूंढते भी नहीं है। इतना ही नहीं नगर निगम के कांजी हाउस में बंद मवेशियों को ले जाने वाला कोई नहीं रहता। उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग की 20वीं पशुगणना के अनुसार जिले में दो लाख 93 हजार गाय, बैल, भैंस समेत अन्य मवेशी थे, लेकिन वर्तमान में यह संख्या घटकर अब दो लाख 50 हजार हो चुका है। धमतरी जिले में मवेशी पालन को लेकर ग्रामीणों की रूचि कम हो रही है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ा के अनुसार जिले में 43000 मवेशियों की संख्या में कमी आई है। जबकि पिछली सरकार में मवेशी पालन को काफी बढ़ावा दिया गया था, लेकिन मवेशी पालन में लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। मवेशी पालन में रूचि नहीं होने के कई कारण है। जबकि बकरी व मुर्गी पालन में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रहे हैं, इसे व्यवसाय से जोड़कर युवा वर्ग बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।

नीलामी में मवेशी खरीदने भी लोग पहले की अपेक्षा अब नहीं पहुंचते हैं। गांवों में किसान भी अब पुत्र-पुत्रियों के नौकरी में चले जाने के बाद देखरेख करने वालों के अभाव में मवेशी नहीं पाल रहे हैं। वहीं गांवों में चरवाहे के कार्य करने वालों की संख्या कम है, ऐसे कई दिक्कतें है इसलिए ग्रामीण अंचल में मवेशियों की संख्या भी कम होने लगी है। बकरियों की संख्या 90000 से अधिक है। जिले के नगरी ब्लाक में आज भी कई घोड़े हैं। वहीं मुर्गा-मुर्गियों की संख्या 13 लाख से अधिक है। पशुगणना के अनुसार देखा जाए तो जिले में बकरी और मुर्गा पालन में किसान और ग्रामीणों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है। क्योंकि यह नकद का धंधा है। कुछ किसान और युवा वर्ग इसे रोजगार के उद्देश्य से पालन कर रहे हैं। वनांचल में सबसे ज्यादा लोग मुर्गा पालन कर रहे हैं, क्योंकि इनके लिए जिले में बड़ा मार्केट हैं। सूअर की संख्या 9000 है। इस संबंध में पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डा महेश सिंह बघेल ने बताया कि पहले की अपेक्षा जिले में मवेशियों की संख्या कम हो गई है। गाय पालन में लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं, इसका प्रमुख कारण लोगों की बढ़ती आबादी है।लोग गायों के पालन से मुंह मोड़ रहे हैं। जबकि बकरी की संख्या बढ़ने का प्रमुख कारण नगद की धंधा है।

 

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