निजी घरानों से मिलीभगत कर दिया जा रहा टेंडर
विद्युत संघर्ष समिति ने कहा, नौ को लखनऊ में करेंगे विशाल प्रदर्शन
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने निजीकरण की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण का निर्णय निरस्त कराने की पहल करें। संघर्ष समिति ने कहा है कि निजी घरानों से मिली-भगत में टेण्डर को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो अत्यन्त गंभीर मामला है। 09 अप्रैल को लखनऊ में निजीकरण के विरोध में होने वाली विशाल रैली में आन्दोलन का शंखनाद किया जायेगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियो ने बताया कि अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मे. ग्रान्ट थॉर्टन की टीम पॉवर कारपोरेशन के निदेशक वित्त के कमरे में बैठ कर काम कर रही है। ऐसी चर्चा है कि निदेशक वित्त और पॉवर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबन्धन की निजी घरानों के साथ मिली भगत है और पूर्व निर्धारित निजी कम्पनी के पक्ष में सारी टेण्डर प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो बहुत ही गम्भीर मामला है।
बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ए टी एण्ड सी हानियां लगभग 40 प्रतिशत मान कर निजीकरण के डॉक्यूमेंट तैयार किये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अपने टिव्टर हैंडल पर लिख चुके है कि वर्ष 2023-24 में सभी विद्युत वितरण निगमों की मिलाकर ए टी एण्ड सी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गयी हैं जो वर्ष 2017 में 40 प्रतिशत थीं। अब निजीकरण के लिये 40 प्रतिशत एटी एण्ड सी हानियां आधार के रूप में लेना भारी भ्रष्टाचार और लूट का संकेत दे रहा है।
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