बिना जीएसटी आभूषणों की बिक्री जारी

ग्राहकों को कच्चा बिल थमाकर कर रहे टैक्स चोरी

बिना जीएसटी आभूषणों की बिक्री जारी

बंडा/शाहजहांपुर। त्यौहारों की सीजन हो या शादी समारोह की बात हो, आभूषणों की बिक्री में भारी मांग रहती है। लेकिन जानकारी के अभाव में आभूषण की खरीददारी करने वाले लोग नगर में  सर्राफा व्यवसाई द्वारा लूट रहे हैं। साथ ही कच्चा या अस्थाई बिल थमाकर ग्राहकों के साथ सरकार को भी चूना लगा रहे हैं। पक्का बिल मांगने पर ना नुकुर करते हैं। पक्का बिल न होने पर ग्राहकों को बाद में आभूषणों की बिक्री करने में झंझटो का सामना करना पड़ता है। सर्राफा व्यापारियों की मनमानी की शिकायत मिशन समाज परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से की है।

सरकार ने पिछले साल अप्रैल माह में सभी सर्राफा व्यापारियों को सोने और चांदी की बिक्री पर हॉलमार्किंग कराने के निर्देश दिए थे और बाद में ही सोने और चांदी की बिक्री किए जाने का आदेश दिया था लेकिन करीब एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक कई सर्राफा व्यापारियों ने इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी है । कई सर्राफा व्यापारी ऐसे हैं जो ग्रामीण इलाकों के लोगों को बिना एचयूआईडी मार्का वाला सोना बेंचकर उन्हें चूना लगा रहे हैं । 

ऐसे होता है खेल-
सर्राफा व्यापारी अपने ग्राहक को 75 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक का सही सोना देने की बात करके उनसे 100 प्रतिशत तक के सोने दाम वसूल कर लेते हैं और बाद में उन्हें 60 प्रतिशत या उससे भी कम मात्रा का सोना पकड़ाकर अपनी चांदी उड़ा रहे हैं। 

एचयूआईडी मार्का से खुल जाता है सर्राफा व्यापारी और सोने की प्रतिशतता का विवरण-
अगर सर्राफा व्यापारी अपने ग्राहकों को एचयूआईडी मार्का वाला सोना देने लगे तो कोई भी ग्राहक अपने सोने की प्रतिशतता का विवरण इंटरनेट के माध्यम से आसानी से निकाल सकता है जिससे दुकानदार और ग्राहक के बीच पारदर्शिता हमेशा बनी रहती है।

जागरुकता की कमी के कारण लुट रहे ग्राहक-
जागरुकता की कमी के कारण मांगलिक कार्यक्रमों में ग्राहक आमतौर पर ऐसे कई सर्राफा व्यापारियों का शिकार हो जाते हैं जो नकली हॉलमार्किंग और बिना एचयूआईडी वाली मोहर देखकर सोने की खरीददारी कर लेते हैं। जबकि सरकार लगातार सोने और चांदी की बिक्री को लेकर लोगों को जागरुक करने का विज्ञापन प्रसारित करती रहती है। 
ग्राहकों को कच्चा बिल थमाकर कर रहे टैक्स चोरी-
नगर में सर्राफा व्यवसाई रोजाना लाखों का व्यापार कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश दुकानदार ग्राहकों को जीएसटी बिल न देकर सादा कागज पर या कच्चा बिल देकर चलता करते हैं। नियम के मुताबिक बिना पक्के बिल के आभूषण होने पर जुर्माने का भी नियम है। परंतु इसके बाद भी दुकानदार ग्राहकों को कच्चा बिल थमाकर टैक्स चोरी कर रहे हैं।

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