डॉक्टरों ने पार्किंसंस के लिए चलाया जन जागरूकता अभियान

पीजीआई निदेशक समेत सभी डॉक्टरों ने किया पैदल मार्च

डॉक्टरों ने पार्किंसंस के लिए चलाया जन जागरूकता अभियान

लखनऊ। डॉक्टरों ने पाकिंर्संस रोग के बारे में जन जागरूकता बढाने के लिए पैदल मार्च निकाला। शनिवार को एसजीपीजीआई न्यूरो विभाग द्वारा आयोजित जन जागरूकता अभियान में निदेशक डॉ.आरके धीमन समेत सैकड़ों डॉक्टरों ने पैदल मार्च किया। ज्ञात हो कि पार्किंसंस रोग धीरे-धीरे बढने वाला एक तंत्रिका संबंधी विकार है। इसमें ऐसे लक्षणों के माध्यम से प्रकट होता है, जो गति और समन्वय को प्रभावित करते हैं। जिससे शरीर में कंपन, अकड़न, चलने फिरने की धीमी गति से लेकर दैनिक जीवन को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।

जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है संज्ञानात्मक बदलाव और मनोदशा में गड़बड़ी होने के साथ-साथ बोलने और निगलने में चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिंर्संस रोग को रोकने का कोई गारंटीकृत तरीका नहीं है। इसके लिए नियमित व्यायाम,एरोबिक व्यायाम, शक्ति प्रशिक्षण और संतुलन व्यायाम का एक संयोजन है।

WhatsApp Image 2024-04-27 at 7.36.01 PM

ऐसे रोगियों को फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, एंटीऑक्सीडेंट, लीन प्रोटीन से भरपूर आहार पाकिंर्संस रोग से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा विषाक्त पदार्थों से बचने के लिए कीटनाशकों, शाकनाशियों जैसे पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों,औद्योगिक रसायन के संपर्क को सीमित करना ही बचाव है। ऐसे मरीजों को सिर की चोटों को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए जैसे खेल के दौरान हेलमेट पहनना और वाहनों में सीट बेल्ट का उपयोग करना।

ऐसे मरीजों को मानसिक रूप से सक्रिय और व्यस्त रहने से पाकिंर्संस रोग से बचाव में मदद मिल सकती है। इसमें पढ़ने, पहेलियाँ बूझने से, नए कौशल सीखने और दूसरों से मिलने जुलने से जैसी गतिविधियों से अपने मस्तिष्क को चुनौती देना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिंर्संस के उपचार में आमतौर पर लेवोडोपा जैसी डोपामिनर्जिक दवाएं शामिल होती हैं, जो अक्सर लक्षणों को कम करने के लिए निर्धारित की जाती हैं। जबकि फिजिकल थेरेपी आने वाली कठिनाइयों को प्रबंधित करने वाली गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। अभी तक शोध प्रयासों के बावजूद, वर्तमान में पाकिंर्संस रोग का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

Tags: lucknow

About The Author

Latest News