इंडिया गठबंधन की व्यूह रचना के केंद्र में स्थापित हुईं समन्वय बैठकें

इंडिया गठबंधन की व्यूह रचना के केंद्र में स्थापित हुईं समन्वय बैठकें

लखनऊ। बरेली की समन्वय बैठक शाम 4:00 बजे संपन्न हो गई। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के प्रभारी उत्तर प्रदेश माननीय अविनाश पांडेय जी के तीन दिवसीय ब्रज क्षेत्र के प्रवास में 12 लोकसभा क्षेत्रों-मथुरा, फतेहपुर सीकरी, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, बदायूं,आंवाला एवं बरेली में समन्वय बैठकों का यह चरण भी समाप्त हो गया। आज बदायूं, आंवाला एवं बरेली लोकसभा की समन्वय बैठक में प्रभारी अविनाश पांडेय जी ने इंडिया गठबंधन एवं  इन बैठकों के औचित्य  को स्पष्ट किया। मोदी सरकार के दमनकारी कृत्यों से लोकतंत्र, संविधान, देश के भाईचारे एव समाज की समरसता के समक्ष पैदा हुई चुनौतियों की चर्चा की। 

आंवला लोकसभा क्षेत्र में समाजवादी प्रत्याशी नीरज मौर्य के पक्ष में आहूत समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने इस बात पर जोर दिया कि 2024 का  यह चुनाव मूलतः इतिहास मिटाने, संविधान बदलने और समाज के हाशिए की आवाम की पहचान बदलने वाली मौजूदा भाजपा सरकार के मुक़ाबले  इतिहास की विरासत, संविधान की गरिमा और हासिए के समाज की पहचान की हर हाल में रक्षा करने वाले इंडिया गठबंधन के बीच है। बरेली से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण सिहं ऐरन के पक्ष में समन्वय  बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मैं नागपुर का निवासी होने के कारण नागपुर की एक विशेष सोच को भली भांति जानता हूं। इस सोच के लोगों को बाबा साहब द्वारा प्रदत्त अमीर- गरीब, ऊंच-नीच सभी को सामान मताधिकार आज भी हजम नहीं होता है। इस तरह की सोच रखने वाले आज सत्ता में है। यह लोग  समतावादी,प्रगतिशील संविधान को समाप्त कर एक सामंतवादी, पूंजीवादी और निरंकुशता को स्थापित करने वाले संविधान को लागू करने के हिमायती है।उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि किसी तरह भी यदि हम इस बार चूक गए तो 2024 के बाद भारत में चुनाव होगा या नहीं या निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता।

बदायूं लोकसभा के समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी आदित्य यादव के पक्ष में आयोजित समन्वय बैठक में बोलते हुए गठबंधन के औचित्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जब देश में घोषित आपातकाल के हालात हो संवैधानिक संस्थाएं ईडी सीबीआई पुलिस आदि सरकार के निजी अभिकरण बन गए हों, चुनाव आयोग, न्यायपालिका पर दबाव हो, संसद में प्रतिपक्ष को बोलने की आजादी नहीं हो, अभिव्यक्त की आजादी खतरे में हो इस लोकतांत्रिक देश से प्रतिपक्ष को समाप्त किया जा रहा हो  तब इस हालत में हमारे आदरणीय नेता राहुल गांधी चट्टान की तरह मोदी सरकार के सामने खड़े होने का साहस दिखाते हैं। मोदी सरकार से हताश हो चुकी जनता को घुटन से बचाने एवं उसके साथ खड़े होकर उसमें भविष्य में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद पैदा करने के उद्देश्य से ही भारत जोड़ो पदयात्रा का निर्णय लिया‌। दक्षिण से उत्तर पूरब से पश्चिम 10,700 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा मूलतः संविधान को बचाने इस देश के भाईचारे को मजबूत करने और पंथनिरपेक्ष, प्रगतिशील ताकतों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य की गई थी। उन्होंने इस तथाकथित सरकार की लोकप्रियता को तार्किक ढंग से खंडित किया। उनके अनुसार 2014 और 2019 में मोदी सरकार के खिलाफ 63 से 66% मत जनता ने दिया था। किंतु यह मत एक छतरी तले नहीं था। इंडिया गठबंधन मूलतः इसी 66% मत को एक मंच पर लाने का एक प्रयास है। यहां बैठे सभी कार्यकर्ता उस 66%  जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

उन्होंने यह स्पष्ट कहा की उत्तर प्रदेश में 28 समन्वय बैठक के बाद मैं यह यकीन के साथ कर सकता हूं कि उत्तर प्रदेश में हवा बदल रही है। भाजपा सरकार विदाई तय है। उन्होंने गठबंधन को महज नेताओं की प्रेस वार्ता या संयुक्त रैली से आगे बढ़कर बूथ स्तर तक कार्यशील करने की प्रेरणा देते हुए हर कार्यकर्ता को खुद में राहुल गांधी एवं अखिलेश यादव प्रतिनिधि होने का एहसास कराया। उन्होंने इस बात पर बार-बार बल दिया कि याद रखिए जो बूथ जीतेगा वही देश जीतेगा। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि चार जून को भाजपा सरकार की विदाई होते  ही इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही24 घंटे में सरकार के 30 लाख से अधिक रिक्त पद भर दिए जाएंगे। किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी। अग्नि वीर सहित सरकार के देश और जनता के खिलाफ लिए गए सभी निर्णय निरस्त किए जाएंगे। ब्रज क्षेत्र में उनकी सभी  समन्वय बैठकों में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ- साथ समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी, आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी एवं अन्य नागरिक समूहों के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए। निश्चित रूप से ब्रज क्षेत्र की 12 बैठकों में श्री पांडेय ने इस क्षेत्र में नई हलचल पैदा कर दी है ‌।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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