फर्जीवाडा प्रमाणित होने के बाद कंसल्टेंट की नियुक्ति रद्द करने की मांग
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की है कि निजीकरण के लिए नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का झूठा शपथ पत्र देने और फर्जीवाडा प्रमाणित हो जाने के बाद कंसल्टेंट की नियुक्ति का आदेश तत्काल निरस्त किया जाए। इस बीच जन जागरण पखवाड़ा के तहत ज्ञापन दो अभियान और विरोध सभाओं का क्रम सारे प्रदेश में जारी रहा।
गुरूवार को राजधानी लखनऊ में संसद सदस्य और पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा,विधान परिषद के सदस्यों माननीय अवनीश सिंह, माननीय पवन सिंह चौहान को संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दिया। अन्य जनपदों में मा विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, नफीस अहमद और हरि ओम पांडेय को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दिया गया।
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मेसर्स ग्रांट थॉर्टन का झूठा शपथ पत्र और फ्राड प्रमाणित होने के बाद कंसल्टेंट की नियुक्ति का आदेश तत्काल रद्द किया जाय।
उन्होंने कहा कि कंसल्टेंट से यह पूछा गया था कि उनके ऊपर विगत तीन वर्षों में कोई पेनाल्टी लगी है तो बताए। कंसल्टेंट ने फरवरी में दिए गए शपथ पत्र में कहा था कि उनके ऊपर कोई पेनल्टी नहीं लगी है किंतु कंसलटेंट ने कल स्वीकार कर लिया है कि उनके ऊपर अमेरिका में 40000 डॉलर की पेनल्टी लगाई ली थी। यह अत्यधिक गंभीर मामला है और निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का फ्रॉड सामने आ गया है।
टिप्पणियां