पावर सेक्टर को बनाए रखना अंबेडकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि बिजली उद्योग को सार्वजनिक क्षेत्र में बनाए रखा जाए। संघर्ष समिति ने कहा कि विकसित भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र बेहद जरूरी है,अतः निजीकरण का निर्णय निरस्त किया जाए।
आज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती पर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जब भारत का संविधान नहीं बना था तब दूरदर्शी डॉक्टर अंबेडकर ने इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एक्ट 1948 बना दिया था। इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एक्ट 1948 के तहत ही विभिन्न प्रांतो में राज्य बिजली बोर्ड का गठन किया गया और देशभर में चल रही तमाम निजी कंपनियों को सार्वजनिक क्षेत्र में राज्य बिजली बोर्डों ने टेक ओवर किया।
संघर्ष समिति ने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड के बनने के बाद ही गरीबों तक और ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों तक बिजली पहुंचाना संभव हो सका। यह सरकारी क्षेत्र के पावर कॉरपोरेशन ही है जो किसानों को मुफ्त या सस्ती बिजली दे रहे हैं और आम घरेलू उपभोक्ताओं को खासकर गरीबों को बहुत कम दाम पर बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि घाटा उठाकर किसानों और आम गरीब उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने का काम निजी घराने कभी नहीं करेंगे। निजीकरण न रोका गया तो आम गरीब बिजली उपभोक्ता और किसान लालटेन के युग में चले जाएंगे।
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