शंकरशेष द्वारा लिखित व निशा बेगम द्वारा निर्देशित नाटक फंदी का मंचन
लखनऊ। शंकरशेष द्वारा लिखित व निशा बेगम द्वारा निर्देशित नाटक फंदी का मंचन सोमवार को को वाल्मीकि रंगशाला संगीत नाटक अकादमी परिसर गोमतीनगर लखनऊ में सफल रूप से किया गया। नाटक में यह बताया कि इस समाज और कानून के सामने यह सवाल खड़ा करता है कि कैंसर जैसे असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्ति को इच्छामृत्यु का अधिकार मिलना चाहिए।
इस नाटक में केन्द्रीय भूमिका में फंदी जो कि एक कम्पनी में ट्रक चलाता है। उसे स्मलिंग करने के लिए कहा जाता है लेकिन फंदी मना कर देता है। जिसके कारण उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है। इधर उसका बाप भगतराम कैंसर से पीड़ित होता है तथा असहनीय पीड़ा के कारण चीखता है चिल्लाता है वह अपने बेटे बहु से खुद को मार डालने के लिए कहता है गिड़गिड़ता है।
नौकरी चले जाने के कारण उसके बालबच्चे दाने-दाने के लिए मोहताज है। फंदी के बाप को केवल बेहोशी का इंजेक्शन लगाने से ही थोड़ी देर को आराम मिलता है लेकिन फंदी के पास वो भी पैसा नही होता है इसलिए वह अपने बाप को दर्द में तड़पते हुए नही देख पाता और उसका गला घोटकर मार देता है। उसे जेल हो जाती हैं।
सरकार फंदी को सरकारी वकील मुहैया कराती है फंदी एक वकील का नाम चुनता है जिसका नाम भी भगतराम होता है। वकील भगतराम में आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है जिसके कारण वह आज तक कोई केस नही जीत पाता है।
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