रामनवमी: जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो!
लखननगरी में रही रामनवमी की गूंज, कन्याओं के पांव पखारे
- बालिकाओं को ओढ़ाई चुनरी, बाल लंगूरों को लगाया भोग
- दही जलेबी की खूब रही डिमांड, पूड़ी छोला, बिस्किट चॉकलेट भी बांटे
लखनऊ। इस बार रविवार का दिन कहने को सप्ताह का आखिरी यानी हमेशा की तरह सार्वजनिक अवकाश का समय होता है जिस दौरान अधिकांश लोग दिन में आराम करते हैं और शाम होते ही बाहर निकल पड़ते हैं। लेकिन इस दिन प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव पड़ने के साथ ही लखनऊ वासियों का यह छुट्टी का दिन, सुबह से ही घरों की साफ-सफाई, रामनवमी पर्व पर स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाने की तैयारी और फिर होम, हवन पूजन, दान आदि करते हुए महिला शक्ति की प्रतीक कुंआरी कन्याओं के पांव पखारने और उन्हें पकवान आदि खिलाने की चली आ रही सनातन परंपरा को निभाने की जिम्मेदारी...कुछ ऐसे ही अबकी बार रविवार का दिवस लोगों का बीता।
जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवां के भाग्य जागल हो, ललना लाल होई हैं, कुलवा के दीपक, मनवा में आस लागल हो...वहीं दोपहर उपरोक्त कार्यों से निवृत्त होने के साथ ही कॉलोनियों में महिलाओं की मंडली ने रामनवमी पर आधारित सोहर, गीत आदि का गान शुरू कर दिया और पूरा वातावरण संगीतमय और राम भक्ति से ओतप्रोत हो गया। ऐसे में एक तरफ जहां परिवार के लोग बालिकाओं को रंगबिरंगी चुनरी, ओढ़नी, दुपट्टा ओढ़ाकर और उनके पांव पखारते हुए आशीर्वाद ले रहे थे तो दूसरी ओर शक्तिस्वरूपा के इन प्रतीकों के संग लंगूर के रूप में छोटे बच्चों का भी उत्साह देखते बना। इन्हें भी भक्तगणों ने बड़े ही श्रद्धा और चाव से स्वादिष्ट भोजन का भोग लगाया।
शहर के सभी मंदिरों में सुबह से भक्तों का रेला दर्शन पूजन आदि के लिये लगा दिखायी दिया। एक प्रकार से राजधानी लखनऊ यानी लखननगरी अपने अभिभावकरूपी बड़े भैया प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव से गंूजायमान होता दिखा तो वहीं नन्हीं-मुन्नी बालिकाओं और बेटियों को जिस आदर भाव के साथ हर श्रेणी के शहर वासी भोजनरूपी प्रसाद का वितरण कर रहे थे, वो काफी मार्मिक रहा।
मंदिरों के आसपास सवेरे से ही कन्याओं की भीड़ डटी रही, जबकि कई कॉलोनियों और मोहल्लों में हर जगह कन्या खिलाई का रस्म अदायगी करनी थी, तो एक साथ सबके यहां पहुंच पाना मुश्किल होता दिखा। व्यंजनों में सबसे अधिक दही जलेबी, पूड़ी छोली सब्जी, पुलाव, बिस्किट चॉकलेट की जोड़ी दिखी जबकि कॉपी पेंसिल और नकदी पैसे भी कन्याओं के बीच बांटे गये।
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