वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा के बाद दो पुलिस अधीक्षकों का तबादला
राज्य सरकार ने बताया नियमित प्रशासनिक बदलाव
कोलकाता । मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर हुई सांप्रदायिक हिंसा के कुछ दिन बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को दो पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया है। हाल ही में जारी अधिसूचना में सरकार ने इन तबादलों को ‘नियमित प्रशासनिक फेरबदल’ बताया है और हिंसा की घटनाओं से जोड़ने से इनकार किया है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक सूर्य प्रताप यादव को हटाकर उनकी जगह कुमार सनी राज को नियुक्त किया गया है। इसी तरह जंगीपुर पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय को भी हटाकर उनके स्थान पर अमित कुमार साल को भेजा गया है। साथ ही इंटेलिजेंस ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष मौर्य को उनके वर्तमान पद से हटाकर राणाघाट का एसपी बनाया गया है।
तबादले के बाद सूर्य प्रताप यादव को कूचबिहार में नारायणी बटालियन का कमांडिंग ऑफिसर बनाया गया है, जबकि आनंद रॉय को सालुआ में ईएफआर की तीसरी बटालियन की कमान सौंपी गई है। आईपीएस अमित इससे पहले कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक (दक्षिण) विभाग में उपायुक्त के रूप में तैनात थे।
इसके अलावा, आईपीएस अधिकारी अंगशुमान साहा को नारायणी बटालियन, कूचबिहार के कमांडिंग ऑफिसर पद से हटाकर बैरकपुर में एसएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में स्थानांतरित किया गया है।
इससे पहले मुर्शिदाबाद जिले के सूती और शमशेरगंज थानों के प्रभारी अधिकारियों का भी स्थानांतरण किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर, सूती, शमशेरगंज और धूलियान इलाकों में वक्फ कानून को लेकर भारी सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा था। हिंसा में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और हमलों की कई घटनाएं सामने आई थीं।
इन घटनाओं के बाद विपक्षी दलों ने जिला पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए थे और इसे ‘खुफिया तंत्र की विफलता’ करार दिया था। वर्तमान में राज्य पुलिस द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) इस पूरे मामले की जांच कर रहा है।
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