सीतामढ़ी। जानकी नवमी की तैयारियों के ऐन मौके पर डीएम के तबादले की खबर ने सबको चौंका दिया। महज 11 माह के अंदर डीएम का तबादला हो जाएगा यह सोचकर कोई यकीन नहीं कर पा रहा था। रविवार सुबह जैसे ही अखबारों में ये खबर आई चौक-चौराहों पर चर्चा तेज हो गई। डीएम सुनील कुमार यादव 20 जून को आए थे। 2012 बैच के आइएएस सुनील कुमार यादव वित्त विभाग में संयुक्त सचिव के पद से आए थे। यहां से नगर विकास एवं आवास विभाग में अपर सचिव के पद पर गए हैं। 10 साल के करियर में सिर्फ सीतामढ़ी में ही डीएम रहने का अवसर मिला था मगर, अल्पावधि में उनका तबादला हो गया। नए डीएम मनेश कुमार मीणा के लिए भी बतौर डीएम यह पहला जिला होगा। 2015 बैच के आइएएस हैं और इससे पहले जहानाबाद में डीडीसी, मुजफ्फरपुर में नगर निगम के आयुक्त रहे। उसके बाद इसी पद पर दरभंगा भेजे गए। दरभंगा से उनका तबादला इस साल जनवरी माह में जेल आइजी के तौर पर हुआ। चार माह में उन्हें डीएम की कमान सौंपी गई है। मनेश कुमार मीणा राजस्थान के रहनेवाले हैं। उनकी जन्मतिथि 9 मार्च, 1986 है। तीन जुलाई, 2017 से 29 सितंबर, 2017 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं। एमएलसी रामेश्वर महतो बोले-मैंने सीएम से की थी डीएम की शिकायत सीतामढ़ी। बीते माह डुमरा के परमानंदपुर में सुपर पावर ग्रिड के उद्घाटन के मौके पर विधान पार्षद रामेश्वर महतो को आमंत्रित नहीं किए जाने से उत्पन्न विवाद के बीच डीएम का तबादला चर्चा में है। कहने वाले यहीं कह रहे हैं कि उसी प्रकरण में डीएम को हटना पड़ा है। डीएम के तबादले में विधान पार्षद का नाम आने पर उन्होंने कहा कि किसी को हटाने या रखने से उस प्रकरण का कोई कनेक्शन नहीं है। उद्घाटन कार्यक्रम में मुझको आमंत्रित नहीं करने से ज्यादा अहम बात यह है कि बिहार में घर-घर बिजली पहुंचानेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उस कार्यक्रम में फोटो कहीं नहीं लगाई गई थी। मुख्यमंत्री की फोटो नहीं लगाने से उस कार्यक्रम में आम लोगों की भागीदारी नहीं हो पाई। दूसरा सवाल है कि सीतामढ़ी के एक माननीय होने के नाते मुझको उस कार्यक्रम की सूचना क्यों नहीं दी गई। आमंत्रण-पत्र में नाम तक नहीं था। निश्चित ही यह बात अशोभनीय थी।
