टेनिस में विविधता बढ़ाने के लिए यूएसटीए और एटीए की नई पहल
ब्लैक खिलाड़ियों को मिलेगा बढ़ावा
नई दिल्ली। संयुक्त राज्य टेनिस संघ (यूएसटीए) और अमेरिकन टेनिस एसोसिएशन (एटीए) ने सोमवार को टेनिस में विविधता बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई पहल की घोषणा की, जिसका मुख्य फोकस खेल में ब्लैक (अश्वेत) प्रतिनिधित्व को बढ़ाना है। टेनिस को लंबे समय से एक श्वेत-प्रधान खेल के रूप में देखा जाता रहा है, और अब तक सिर्फ दो ब्लैक पुरुष खिलाड़ी — आर्थर ऐश और यानिक नोआ — ही किसी ग्रैंड स्लैम खिताब को जीत सके हैं। यहां तक कि शीर्ष स्तर पर भी अश्वेत खिलाड़ियों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। यूएसटीए की चीफ डाइवर्सिटी, इक्विटी एंड इंक्लूजन ऑफिसर, मारिसा ग्रिम्स ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम एटीए के साथ अपने संबंधों को औपचारिक रूप देने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। एटीए ने ऐतिहासिक रूप से टेनिस को अधिक समावेशी और विविधतापूर्ण बनाने में अहम भूमिका निभाई है।”
एटीए की स्थापना 1916 में उस समय हुई थी जब यूएसटीए के पूर्ववर्ती संगठन, यूनाइटेड स्टेट्स लॉन टेनिस एसोसिएशन ने अश्वेत खिलाड़ियों को संगठित टूर्नामेंटों में श्वेत खिलाड़ियों के साथ खेलने से रोक दिया था। यह साझेदारी एक ऐतिहासिक समय के साथ मेल खा रही है — 1950 में अल्थिया गिब्सन द्वारा रंगभेद की दीवार तोड़ते हुए यूएस नेशनल चैंपियनशिप (अब यूएस ओपन) में खेलने की 75वीं वर्षगांठ। इसके साथ ही यह आर्थर ऐश के 1975 में विंबलडन जीतने की 50वीं वर्षगांठ भी है — वह ऐसा करने वाले पहले और अब तक के एकमात्र अफ्रीकी-अमेरिकी पुरुष खिलाड़ी हैं।
एटीए अध्यक्ष रॉबर्ट फोस्टर ने कहा, “जैसा कि अल्थिया ने एक बार कहा था — 'आप चाहे जितनी भी उपलब्धियां हासिल करें, किसी न किसी ने आपकी मदद की होती है।' यूएसटीए के साथ यह साझेदारी हमें एटीए के बारे में जागरूकता बढ़ाने, हमारे ब्रांड को आगे लाने और टेनिस समुदाय को फैलाने में मदद करेगी।” इस पहल के तहत जूनियर स्तर से लेकर पेशेवर खिलाड़ियों और कोचों तक के लिए एक मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किया जाएगा ताकि विविध पृष्ठभूमियों से आने वाले खिलाड़ियों को बेहतर मौके मिल सकें। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका में डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन (डीइआई) से जुड़ी पहलों पर राजनीतिक हमला हो रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसे कई कार्यकारी आदेश जारी किए हैं जो डीइआई कार्यक्रमों को खत्म करने की दिशा में हैं, चाहे वह संघीय सरकार हो या निजी क्षेत्र। ट्रंप और उनके समर्थकों का मानना है कि डीइआई कार्यक्रम श्वेत लोगों और पुरुषों के साथ भेदभाव करते हैं और योग्यता के महत्व को कम करते हैं। वहीं डीइआई समर्थकों का कहना है कि यह पहल दशकों से हाशिए पर रही आबादी के खिलाफ हुए अन्याय को दूर करने के लिए जरूरी हैं।
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