ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल, टनकपुर रोड, पीलीभीत में नए सत्र का शुभारंभ
ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल, टनकपुर रोड, पीलीभीत में नए सत्र का शुभारंभ
पीलीभीत तरुण मित्र
3 अप्रैल 2025 को ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल, टनकपुर रोड, पीलीभीत में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ की गई। यह दिन विद्यालय के इतिहास में एक विशेष महत्व रखता है, क्योंकि नए सत्र के आगमन के साथ छात्रों और शिक्षकों के लिए नए अवसर और चुनौतियाँ भी प्रस्तुत होती हैं। विद्यालय के प्रबंधक देवेन्द्र सिंह छाबड़ा के नेतृत्व में इस अवसर को और भी खास बनाया गया। सत्र की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ की गई, जो ज्ञान और शिक्षा के प्रतीक के रूप में देखी जाती है। शुरुआत में विद्यालय के प्रबंधक देवेन्द्र सिंह छाबड़ा ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों, और शिक्षकों को शुभकामनाएँ दीं। देवेन्द्र सिंह छाबड़ा ने अपने उद्घाटन भाषण में शिक्षा के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलू में समाहित होती है। शिक्षा का असली उद्देश्य व्यक्ति को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सके। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा हमारे भविष्य का निर्माण करती है और यदि हम इसे सही दिशा में और ईमानदारी से ग्रहण करते हैं, तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या पूजा छाबड़ा ने विद्यार्थियों से कहा कि एक छात्र के रूप में उनका सबसे बड़ा कर्तव्य है कि वे शिक्षा प्राप्त करें और उसे सही तरीके से अपने जीवन में लागू करें। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अगर हम अनुशासन से दूर रहते हैं, तो शिक्षा का कोई भी मूल्य नहीं रहता। अनुशासन ही है जो हमें जीवन में सफल बनाने में मदद करता है, चाहे वह हमारे समय का सही उपयोग हो, हमारी मेहनत और समर्पण हो, या हमारी विचारधारा और कार्यों का सही दिशा में होना हो। वर्तमान समय में जहाँ प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, वहाँ यह आवश्यक है कि हम अपने भीतर आत्मविश्वास और दृढ़ता को बनाए रखें। छाबड़ा ने विद्यार्थियों को यह भी सलाह दी कि वे केवल प्रतियोगिताओं में ही भाग न लें, बल्कि जीवन के हर पहलू में अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थी जीवन केवल अध्ययन तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें खेल, कला, संगीत और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए विद्यार्थियों को केवल किताबों तक सीमित न रहकर अन्य क्षेत्रों में भी अपनी रुचि विकसित करनी चाहिए।विद्यालय के सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति शत-प्रतिशत रही, जो एक सकारात्मक संकेत है। विद्यार्थियों की उपस्थिति को देखकर सभी शिक्षकगण अत्यन्त प्रसन्न हुए। यह दर्शाता है कि बच्चों में विद्यालय के प्रति एक गहरी निष्ठा और उत्साह है। इस सत्र के शुभारंभ के मौके पर विद्यालय में न केवल छात्रों की उपस्थिति महत्वपूर्ण थी, बल्कि उनके उत्साह और जोश को देखकर यह स्पष्ट था कि वे नए सत्र में अपनी पूरी मेहनत और समर्पण से शिक्षा प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है, जो उन्हें शैक्षणिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।अंत में विद्यालय के प्रबंधक देवेन्द्र सिंह छाबड़ा एवं विद्यालय की प्रधानाचार्या पूजा छाबड़ा ने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें जीवन में सफलता, खुशहाली और समृद्धि की शुभकामनाएँ दीं। उनका यह संदेश विद्यार्थियों के दिलों में हमेशा के लिए रहेगा और वे इसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे
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