विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शिविर का आयोजन


प्रतापगढ़ (तरुण मित्र),विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोहंडोर में नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत लोगों को तम्बाकू से होने वाले दुष्परिणाम के बारे मे जानकारी दी गयी। प्रभारी चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रामापुर डा अवनीश पाण्डेय ने बताया कि पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी  के सेवन से विश्व में हर साल 70 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। भारत में तंबाकू से मरने वालों की संख्या तेरह लाख प्रतिवर्ष है। हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू के कारण होने वाले घातक परिणामों के प्रति जागरुक करना है।
तंबाकू में सात हजार जहरीले तत्व, 500 रासायनिक तत्व होते हैं जिनसे कई तरह के कैंसर होने का खतरा बाद जाता है।  सिगरेट या तंबाकू में निकोटीन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है जो हमें इसका आदी बनाता है।
तंबाकू का सेवन महिलाओं और पुरुषों, दोनों के लिए समान रूप से हानिकारक होता है। इसके सेवन से पुरुषों और महिलाओं की फर्टिलिटी प्रभावित होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और साइनाइड जैसे केमिकल महिलाओं के प्रजनन अंगों को नुकसान पहुँचाते हैँ।
डा अवनीश ने बताया कि सेकेंड हैंड (पैसिव) स्मोकिंग ज्यादा खतरनाक है जिसमें व्यक्ति स्वयं धूम्रपन नहीं करता किन्तु उसके आसपास के लोगों द्वारा धूम्रपान करने के कारण श्वांस के माध्यम से वे जहरीला धुंआ लेते हैं। सिगरेट व बीड़ी पौने वाले जो धुआं छोड़ते हैं उसमे  सामान्य की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा निकोटीन, 3 गुना टार एवं 50 गुना अमोनिया होता है।उन्होंने तम्बाकू छोड़ने के उपाय बताते हुए कहा कि तम्बाकू की लत छोड़ने के उपाय -
दृढ इच्छा शक्ति एवं नियंत्रण से तम्बाकू की लत से छुटकारा मिल सकता है।सबसे पहले गुटखा तंबाकू छोड़ने के लिए समय तय करें। इसके लिए प्लान बनाएं। अगर आप काफी समय से गुटखा खा रहे हैं तो इसके लत को खत्म होने के लिए समय दें और धीरे-धीरे करके छोड़ें। इसके खाने की सीमा कम करें।
तंबाकू की तलब महसुस होने पर मुंह में पिसी हुई काली मिर्च, लौंग, छोटी इलायची, टॉफी, च्यूईंगम का प्रयोग करें।
सी एच सी के चिकित्साधिकारी डा आलोक पाण्डेय ने  बताया कि तम्बाकू से फेफड़े का कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, पेट मे घाव, आंत का कैंसर, ब्रांकाइटिस, मोतियाबिन्द जैसे घातक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है फिर भी लोग तंबाकू का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ते हैं।
हमे स्वस्थ जीवन के लिए तम्बाकू की नहीं बल्कि हितकर भोजन की आवश्यकता है।तम्बाकू जैसे जहर को छोड़कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
नेत्र परीक्षण अधिकारी सी एम शुक्ला ने बताया कि तम्बाकू उत्पाद पर्यावरण को क्षति पहुँचाते हैं। तंबाकू के कारण हजारों टन जहरीले पदार्थ एवं ग्रीन हाउस गैसेस पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहीं हैं। तम्बाकू की खेती कृषि योग्य भूमि के पोषक तत्वों को हानि पहुचाती हैं। तम्बाकू निर्माण से रसायनिक कचरा पैदा होता जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है।