
लखनऊ । राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में डीएनबी ,डिप्लोमैट ऑफ नेशनल बोर्ड के सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई जल्द ही शुरू करने की के लिए मानक जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। कोर्स के लिए चार सीटें सर्जरी,दो ईएनटी, दो पैथोलॉजी,दो एनेस्थीसिया और चार मेडिसिन की हैं। बलरामपुर अस्पताल सीएमएस डॉ,ऋषि सक्सेना ने बताया कि इससे यहां विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार किए जाएंगे। पढ़ाई के लिए अस्पताल के डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों में लाइब्रेरी सहित अन्य सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि कोर्स के लिए डीएनबी टीम ने बीते मंगलवार और बुधवार को अस्पताल का निरीक्षण किया है।
डीएनबी को एमसीएच और एमएस के समकक्ष मान्यता हासिल
बताते चलें कि नैशनल बोर्ड के डीएनबी सर्टिफिकेट को देश में एमसीएच और एमएस के समकक्ष मान्यता हासिल है। देशभर में कई अस्पताल बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्था से संबद्धता लेकर डीएनबी कोर्स चला रहे हैं। यूपी में अभी सिर्फ डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ही तीन विषयों में डीएनबी की पढ़ाई हो रही है। इसके अलावा कई सरकारी अस्पतालों में अच्छे विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और अन्य संसाधन भी ,लेकिन वहां पढ़ाई नहीं होती। विशेषज्ञता की शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल दोनों के संसाधन जरूरी होते हैं।
डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल का डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट के साथ पहले से एमओयू है। यही वजह है कि वहां डीएनबी कोर्स चल रहा है। मेडिकल कॉलेजों पर दबाव कम होगा।
यूपी में एमबीबीएस डॉक्टर चाहते हैं,उच्च शिक्षा हासिल करना
यूपी में बड़ी संख्या में एमबीबीएस डॉक्टर हैं। जो उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं ,लेकिन मेडिकल कॉलेजों में ही यह सुविधा उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेजों में सीटें कम होने के कारण दाखिला नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कई सरकारी अस्पतालों में डीएनबी का प्रस्ताव तैयार किया था। शासन से मंजूरी के बाद इसे नैशनल बोर्ड को संबद्धता के लिए भेजा गया। संबद्धता के लिए जरूरी मानक यानी मेडिकल कॉलेजों से एमओयू की प्रक्रिया भी अपनाई गई। लखनऊ के बलरामपुर, सिविल के अलावा कानपुर, बरेली, मेरठ के जिला अस्पतालों का मेडिकल कॉलेजों से एमओयू हो गया है। लोहिया अस्पताल में पहले से प्रक्रिया पूरी है।