नौसेना का चुनौतीपूर्ण नाइट लैंडिंग परीक्षण

Navy's challenging night landing test

नई दिल्ली. मिग-29 लड़ाकू विमान स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर रात के वक्त पहली बार लैंड किया, जिसे भारतीय नौसेना ने ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है. नौसेना ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण नाइट लैंडिंग परीक्षण के जरिये आईएनएस विक्रांत के चालक दल और नौसेना के पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर अंदाज का प्रदर्शन किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि यह उपलब्धि बुधवार रात को हासिल की गई. जब जहाज अरब सागर में नौकायान कर रहा था. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि आईएनएस विक्रांत पर मिग-29 की रात के समय पहली बार लैंडिंग करने से भारतीय नौसेना ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. यह नौसेना के आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ने का संकेत है. 
बता दें कि इससे पहले रूस निर्मित मिग-29 के विमान को भी भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस विक्रांत पर मिद-29 के पहली बार सफलतापूर्वक रात के वक्त उतारे जाने पर भारतीय नौसेना को बधाई दी थी.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘आईएनएस विक्रांत पर मिग-29 के पहले नाइट लैंडिंग परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना के बधाई. बता दें कि भारतीय नौसेना के पास करीब 44 मिग-29 के फाइटर जेट्स हैं. इनकी लंबाई 56.9 फीट और ऊंचाई 14.5 फीट होती है.
इसकी अधिकतम स्पीड 2200 किलोमीटर प्रतिघंटा है. 1500 किलोमीटर की रेंज है. हथियारों के साथ कॉम्बैट रेंज 850 किलोमीटर है. यह अधिकतम 57,400 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.
बता दें कि मिग-29 फाइटर जेट में 7 हार्डप्वाइंट होते हैं. यानी कि सात अलग-अलग तरह के बम, रॉकेट और मिसाइल लगाए जा सकते हैं. साथ ही इसमें एक 30 मिलिमीटर का ऑटोकैनन लगा होता है, जो हर मिनट 150 राउंड फायर कर सकता है. इसके अलावा इसमें तीन तरह के रॉकेट लगाए जा सकते हैं, जो हवा, जमीन और सतह पर मार सकते हैं.