महाकवि विद्यापति ने तीन -तीन भाषाओं में किया साहित्य सृजन - अनुज झा
नगर विकास सचिव ने मिथिला गौरव गाथा पुस्तक का किया विमोचन
लखनऊ। मिथिला मंच, लखनऊ के तत्वावधान में मिथिला नववर्ष तथा मिथिला वैभव गाथा पुस्तक विमोचन समारोह उद्यान निदेशालय के सभागार में मुख्य अतिथि अनुज कुमार झा सचिव नगर विकास तथा निदेशक सूडा एवं स्थानीय निकाय, लखनऊ, विशिष्ट अतिथि पी के ठाकुर ज्वाइंट डायरेक्टर वस्त्र विभाग ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में मिथिला गौरव सम्मान से केजीएमयू में चिकित्सा अध्ययन रत युवा को सम्मानित किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार तथा संपादक सुरेन्द्र अग्निहोत्री द्वारा संपादित "मिथिला गौरव गाथा" पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि अनुज कुमार झा,पी के ठाकुर, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, संचालन कर रहे वरिष्ठ कथाकार मुक्ति नाथ झा, मिथिला मंच के अध्यक्ष जितेंद्र झा, शिव शंकर द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अनुज कुमार झा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें गौरव प्राप्त है कि हमारे पूर्वज महाकवि विद्यापति को बंगला भाषी, हिन्दी भाषी और मैथिली भाषी अपना आदि कवि मानते हैं। तीन -तीन भाषाओं में अद्वितीय साहित्य सृजन किया गया है।आज जब लोक भाषा विलुप्त हो रही है तब पूरे कार्यक्रम का संचालन मैथिली में करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।मेथिल समाज की समृद्ध संस्कृति और खानपान को प्रचारित करने की जरूरत है।
मैथिली वैभव गाथा पुस्तक निश्चित ही महत्वपूर्ण रहेगी। मंच के अध्यक्ष जितेंद्र झा ने स्वागत भाषण में मंच की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।मेथिली संस्कृति की झलक के रूप में ज्योति झा, सलोनी झा, अयोध्या से आए लव कुश ने राम कथा का गायन किया। कवियों ने शानदार प्रदर्शन किया।अंत में श्री निमेश ठाकुर ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन मुक्ति नाथ झा ने किया।
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