‘राम दरबार’ तक पहुंचा मदिरा दुकानों का वाद-विवाद!

मेरठ में चर्च की विवादित जमीन पर मदिरा दुकान आवंटन का मामला गरमाया

‘राम दरबार’ तक पहुंचा मदिरा दुकानों का वाद-विवाद!

रवि गुप्ता

  • भाजपा सांसद अरूण गोविल से संबंधित प्रिंसिपल व पीड़ितजनों ने लगाई गुहार
  • गाजियाबाद, लखनऊ, बलिया, चंदौली समेत कई जिलों से उठ रहा जनविरोध
  • लंबे समय बाद ई-लॉटरी सिस्टम लागू, अब नई बोतल में पुरानी शराब कैसे ठहरे
  • कहीं पुराने मंदिर-मस्जिद-चर्च, कहीं स्कूल-कॉलोनी, मौजूदा खांचे में नहीं फिट बैठ रहा पुराना नियम
  • अपने क्षेत्र में उठी समस्या पर भाजपा सांसद गंभीर, कई जिलों में यही दिक्कत मंत्री जी ने अब तोड़ा मौन

लखनऊ। दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मंदिर में जाते, बैर बढ़ाते मस्जिद मंदिर मेल कराती मधुशाला...कई दशक पूर्व जब प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन ने ये काव्य पंक्तियां तत्कालीन सामाजिक परिस्थतियों पर गौर करते हुए पंक्तिबद्ध किया होगा। मगर उस दौरान उन्होंने संभवत: यह नहीं सोचा होगा, अब इतना समय बीतने के बाद उनकी वहीं काव्य पंक्तियां कलयुग के इस आधुनिक दौर में एकदम से उल्टी साबित होती दिख रही हैं। आज के तकनीकी दौर में वही मस्जिद हैं, वही मंदिर है, वही पाठशाला है, बावजूद इसके इनका मेल-मिलाप मधुशाला से नहीं हो पा रहा है। 

पश्चिमी यूपी में गाजियाबाद, मेरठ से लेकर अवध क्षेत्र में लखनऊ और आगे पूर्वांचल में बलिया, चंदौली आदि ऐसे कई जिलों से क्रमवार यह खबरें व तस्वीरें आ रही हैं जिनमें खासकर महिलायें नये तरीके से आवंटित हुए मदिरा दुकानों का विरोध कहीं तख्तियां लेकर तो कहीं सड़कों पर प्रदर्शन करती दिख रहीं। अब चूंकि लंबे अर्से बाद यूपी में एक नई व्यवस्था ई-लॉटरी सिस्टम के तहत मदिरा दुकानों का नव आवंटन हुआ है, ऐसे में पूरे प्रदेश में लगभग 90 फीसद से अधिक शराब दुकानों का आवंटन भी हो चुका है...लेकिन इसी बीच कहीं पुराने मंदिर-मस्जिद, कहीं स्कूल-कॉलोनी आदि ऐसे सामाजिक व धार्मिक स्थल व संस्थान पड़ जा रहे हैं जिसके चलते इससे सीधे तौर पर प्रभावित होने वाले लोगों के बीच विरोध के सुर उठने शुरू हो गये हैं।

वहीं इस मुद्दे पर जब आबकारी विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना रहा कि जो भी नई सिस्टम लागू होने के बाद नये दुकानों का आवंटन हुआ है, उसको लेकर उनके विभागीय नियमावली में स्पष्ट गाइडलाइंस दर्शाया गया है। जबकि इस विषय पर कुछ वरिष्ठ जानकारों का मत लिया गया तो उनका यह कहना रहा कि भले ही आबकारी दुकानों को खोले जाने का नियम सैद्धांतिक रूप से सही हो, मगर इतने वर्षों पहले जो विभागीय गाइडलाइंस बनाई गई थी...क्या वो इतने दशक बीतने के बाद भी मौजूदा सामाजिक व धार्मिक ढांचे में व्यवहारिक तौर पर फिट बैठ पायेगी, इसका पूर्व में समीक्षा, आंकलन व सर्वे तो कराया जाना ही चाहिये। 

उदाहरण के लिये जहां पहले रिनुअल सिस्टम में कहीं शराब दुकान खुली होगी, चलती आ रही होगी तब वहां आबादी न के बराबर होगी...मगर अब संभवत: वहां आसपास कॉलोनी डेवलप हो गई हो, या फिर कोई पुराना-प्राचीन धार्मिक स्थल हो जो पूर्व में जीर्णशीर्ण अवस्था में रहा हो, उसका अब सौंदर्यीकरण हो गया हो...तो ऐसे में कई सारे पेंच हैं। 

वहीं उक्त मामलों पर जब उनकी राय मांगी गई तो उनके बीच यही चर्चा चल रही कि अब तो मेरठ का जो मामला है, वो सीधे कहीं न कहीं ‘राम दरबार’ तक पहुंच चुका है तो ऐसे में आगे यही लगता है कि इसका कोई न कोई ठोस समाधान निकाला ही जायेगा...जबकि इसके उलट यदि जिम्मेदार विभागीय मंत्री की बात करें तो जब उनसे, उन्हीं की पार्टी के निर्वाचित व प्रख्यात सांसद के संसदीय क्षेत्र में उक्त ऐसी घटना की जानकारी दी गई तो उनका यही जवाब रहा कि कमिश्नर को बोल दिया है वो देखेंगे और जब कहा गया कि मामला काफी संवेदनशील तो फिर बोले कहीं बैठा हूं, बाद में बात करूंगा।
  
पहले रोजमर्रा की चीजें मिलती थीं, अब ठंडी बीयर...!
गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 16 में आवासीय इलाके के पास शराब की दुकान खोलने का महिलाएं विरोध कर रहीं। गार्डेनिया गीतांजलि सेक्टर 18 वसुंधरा गाजियाबाद के गेट नंबर एक के पास शराब के ठेके का आवंटन हुआ जोकि रिहायशी क्षेत्र में है, 50 मीटर के दायरे में शिव मंदिर व स्कूल है। ऐसे में मेरठ की ऋषि नगर कॉलोनी में शराब ठेका स्कूल-मंदिर के पास खोलने पर महिलाओं ने विरोध किया। 

महिलाओं ने दुकानदार और आबकारी विभाग पर नियम ताक पर रखने का आरोप लगाया की पहले कॉलोनी की जरूरत का सामान मिलता था, अब ठंडी बीयर आदेश शर्मा की दुकान पर शराब का ठेका खुलने से माहौल खराब होने का डर कलेक्ट्रेट में हो प्रदर्शन किया। वहीं आबकारी अधिकारियों का कहना रहा कि आवंटन मानकों के मुताबिक, फिर भी कॉलोनी वालों की परेशानी हुई तो शिफ्टिंग पर विचार करेंगे। कासिम बाजार बलिया में एक प्राचीन पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर और स्कूल भी है 100 मीटर पास में ही शराब का ठेका है। अभी मंदिर पर तिरपाल डाल कर मंदिर को बंद करने की कोशिश भी की जा रही है।  हापुड़ शराब के ठेके के विरोध में लोग रोड पर बैठ गये। शराब की दुकान के पास सिद्धपीठ चंडी मंदिर स्कूल और शमशान घाट बताया जा रहा। 

इसी प्रकार लखनऊ शहर के हुसैनगंज क्षेत्र से लेकर पश्चिम विधानसभा के लकड़मंडी तक, रिहायशी इलाकों में शराब के ठेके खोले जाने का लोग विरोध कर रहे हैं। महिलाओं और बच्चों ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध जताया। स्थानीय निवासी प्रशासन से लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े हैं। हुसैनगंज स्थित उदयगंज चौराहे पर नई शराब की दुकान खुलने की खबर से क्षेत्रीय लोग उबल पड़े। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रस्ट की जमीन को किराए पर लेकर अवैध रूप से शराब कारोबारी को सौंप दिया गया। जबकि दुकान की स्वीकृति किसी और लोकेशन की थी।

क्या बोले सांसद व विभागीय मंत्री...!
‘मेरठ से भाजपा सांसद अरूण गोविल ने तरूणमित्र टीम से कहा कि लड़कियों के स्कूल के सामने ये ठेका खुल रहा था, जोकि गलत है और ऊपर से चर्च की विवादित भूमि भी बताई जा रही। उस जगह को सील कर दिया गया है। किसी भी विभाग के नियम-कायदे सामाजिक मूल्यों से बड़े नहीं हो सकते, अपील करूंगा कि आबकारी मंत्री जी भी ऐसे प्रकरण पर ध्यान देंगे।’

‘आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल तरूणमित्र संवाददाता से बोले कि मेरठ का मामला मेरे संज्ञान में आ गया है, कमिश्नर एक्साइज को निर्देशित कर दिया है कि प्रदेश में ऐसे कहीं पर भी प्रकरण सामने आये तो इन्हें त्वरित गति से निस्तारित किया जाये।’

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